मुजफ्फरनगर में मदरसों को मिला नोटिस, नहीं करेंगे ये काम तो रोज भरना होगा 10 हजार का जुर्माना!

संदीप सैनी

• 04:51 AM • 25 Oct 2023

उत्तर प्रदेश में ऐसे मदरसे निशाने पर हैं, जो कथित तौर पर मान्यता प्राप्त नहीं हैं. इस बीच मुजफ्फरनगर के कुछ मदरसों को जिला प्रशासन से नोटिस मिला है. जानिए पूरा मामला…

मुजफ्फरनगर में मदरसों को मिला नोटिस, नहीं करेंगे ये काम तो रोज भरना होगा 10 हजार का जुर्माना!

मुजफ्फरनगर में मदरसों को मिला नोटिस, नहीं करेंगे ये काम तो रोज भरना होगा 10 हजार का जुर्माना!

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UP madarsa news: उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर अवैध रूप से चल रहे मदरसों को लेकर सख्ती बरती जा रही है. इसी क्रम में मुजफ्फरनगर के करीब एक दर्जन मदरसों को जिला प्रशासन का एक नोटिस मिला है. इस नोटिस में मदरसों से कहा गया है कि अगर उन्हें मान्यता मिली हुई है, तो वो इससे संबंधित अभिलेख प्रशासन को 3 दिन के अंदर उपलब्ध कराएं. ऐसा नहीं करने वाले मदरसों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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नोटिस के मुताबिक अगर मदरसा गैर मान्यता प्राप्त मान लिया गया, तो राइट टू एजुकेशन (RTI) एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. ऐसे गैर मान्यता प्राप्त मदरसे अगर चलते पाए गए, तो उनसे 10 हज़ार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जाएगा.

मदरसा संचालकों में हड़कंप, जमीयत ने कही ये बात

ये नोटिस मिलने के बाद मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है. इसको लेकर दो दिन पहले जमीयत उलेमा ए हिंद के द्वारा इन मदरसा संचालकों के साथ एक मीटिंग का आयोजन भी किया गया. जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला सेक्रेटरी कारी जाकिर हुसैन कासमी ने कहा कि हमारे जनपद के अंदर मदरसों को टारगेट बनाकर नोटिस जारी किए जा रहे हैं. नोटिस में यह है कि ये मदरसे से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, तो किसी को तीन दिन, किसी को 5 दिन का वक्त दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नोटिस गैरकानूनी है.

दावा- धार्मिक संस्थाओं के लिए RTE एक्ट में हुआ था संशोधन

कासमी के मुताबिक यह नोटिस शिक्षा विभाग मोरना ब्लॉक और पुरकाजी ब्लॉक में जो मदरसे हैं उन्हें मिले हैं. उन्होंने बताया कि जिन मदरसों को नोटिस मिला है, वो उनके संपर्क में हैं. उनके मुताबिक 2009 में जब RTI एक्ट आया, तो जमीयत ए उलेमा हिंद के मौलाना महमूद मदनी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से उस समय एक डेलिगेशन ले जाकर मुलाकात की थी. यह बात रखी गई थी कि भारत में जो धार्मिक संस्थाएं हैं, उनको इससे अलग कर दिया जाए. शिक्षा अनिवार्य हो यह बच्चों का अधिकार है, लेकिन जो धार्मिक शिक्षा है वह मठों में दी जाती है, मदरसों में दी जाती. उनके मुताबिक 2012 में इसमें संशोधन किया गया.

कासमी का कहना है कि धारा 2 सेक्शन 5 यह संशोधन किया गया कि मदरसों की तालीम पाठशालाएं, धार्मिक संस्थाओं को उनसे अलग रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि मदरसों के खिलाफ साजिश हो रही है, जिसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने प्रशासन से बात कर अपना पक्ष भी रखने को कहा है.

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