Allahabad High Court News: उत्तर प्रदेश से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन कपल की ओर से एफआईआर रद्द करने के लिए दायर याचिका को रद्द कर दिया है. आपको बता दें कि इस लिव-इन कपल में लड़की नाबालिग है जबकि लड़की बालिग है. हाईकोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘एक नाबालिग लड़का, जो खुद अपने पिता पर आश्रित है वह बालिग लड़की के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहता है.’
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कोर्ट ने कहा अनुच्छेद 226 की अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल कर प्राथमिकी रद्द करने का प्रश्न ही नहीं है. कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है. बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी और न्यायमूर्ति एमएएच इदरीसी की खंडपीठ ने आंचल राजभर और जयहिंद राजभर की याचिका पर दिया है.
गौरतलब है कि गाजीपुर के बहरिया थाने में बीते 7 सितंबर 23 को नाबालिग लड़के का अपहरण करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसकी वैधता को यह कहते हुए चुनौती दी गई कि दोनों कपल लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं, इसलिए एफआईआर खारिज की जाए.
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