उत्तर प्रदेश के अमरोहा के एक दूरदराज के गांव से आने वाले टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इन दिनों विश्व कप 2023 में धाक जमाए हुए हैं. अब तक शमी कुल 23 विकेट वर्ल्ड कप 2023 में ले चुके हैं. बुधवार को हुए सेमीफाइनल में शमी ने कुल 7 विकेट लिए और इस मैच में टीम इंडिया न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में पहुंच गई है.
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सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज शमी की मेहनत तो है ही लेकिन उनके साथ-साथ उनके कोच बदरुद्दीन का भी बहुत बड़ा योगदान है. मोहम्मद शमी 14 साल की उम्र से अमरोहा से 25 किलोमीटर दूर मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम में रोजाना कोच बदरुद्दीन के पास जाते थे, जहां से उनकी किस्मत को पंख लगे.
यूपीतक से बातचीत करते हुए बदरुद्दीन ने बताया कि साल 2002 में शमी के पिता उनको सोनकपुर स्टेडियम लेकर गए थे. उनके पिता का कहना था कि उसने अमरोहा में अपनी गेंदबाजी से तहलका मचा रखा है.
बदरुद्दीन ने कहा,
“मैंने शमी को वार्मअप कराया और लगभग 30 मिनट तक उसे (शमी) गेंदबाजी करवाई, तो जो उसने पहले मिनट में फेंकी थी और 30 मिनट जो गेंद फेंकी थी, उसमें कोई अंतर नहीं था. उसने उतनी ही जान से तीसवे मिनट में गेंद फेंकी थी जैसे कि उसने पहली गेंद फेंकी थी तभी से उसका जज्बा पता चल गया था.”
बदरुद्दीन ने आगे बताया, “जब शमी 16 साल का था तो अंडर-19 ट्रायल खेला, जहां उसने जबरदस्त गेंद फेंकी, लेकिन जो लास्ट राउंड होता है उसमें वह बाहर हो गया. सेलेक्ट नहीं हो पाया. इसके बाद शमी बहुत ज्यादा उदास हो गया.”
कोच बदरुद्दीन ने बताया कि इससे पहले शमी कहीं नहीं खेलता था सिर्फ पहले गांव में ही क्रिकेट खेलता था. जहां उसके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत हुई है, वह सोनकपुर स्टेडियम से ही हुई है.
शमी का अपनी पत्नी हसीन जहां से तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है. शमी का पत्नी हसीन जहां संग विवाद को लेकर कोच बदरुद्दीन ने कहा, “यह दौर हर किसी की लाइफ में आ सकता है और इससे जो इंसान उभर गया, वह बहुत आगे जाता है. अगर स्पोर्टमैन के जीवन में यह आता है तो कोई आदमी 2 साल में उभरेगा तो स्पोर्ट्समैन 6 महीने में उबर जाएगा, उसे चीज से और अब इसके कारण शमी और स्ट्रांग बन चुका है. मैं बहुत ज्यादा खुश हूं कि वह उभर चुका है इन सब चीजों से.”
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