उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित जेवर में बन रहे एयरपोर्ट के पहले चरण का काम 50 फीसदी से अधिक पूरा हो गया है. पहले चरण के काम की डेडलाइन नवंबर 2024 रखी गई है. पहले चरण की लागत 5,730 करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक 2,700 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
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पहले चरण के तहत जेवर एयरपोर्ट 334 हेक्टेयर में फैला होगा और इसमें शामिल होंगे-
- 3.9 किमी लंबा रनवे
- यात्री बिल्डिंग
- 40 मीटर ऊंचा एटीसी टावर
- 12 मिलियन यात्री प्रति वर्ष क्षमता
नोएडा एयरपोर्ट को मिला ‘DXN’ कोड
बता दें कि विमानन कंपनियों की वैश्विक संस्था आईएटीए (IATA) ने जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए तीन अक्षरों वाला कोडनेम तय किया है.यह कोडनेम ‘डीएक्सएन’(DXN) है. मालूम हो कि आईएटीए किसी हवाई अड्डे की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए तीन अक्षर का कोडनेम जारी करता है. इस कोडनेम से उड़ानों के परिचालन और मार्ग निर्धारण में सहूलियत होती है.
DXN में डी दिल्ली को दर्शाता है, जो भारत की राष्ट्रीय राजधानी है. यहां एन का मतलब नोएडा है. वहीं, एक्स, भारत और दुनिया के भीतर कनेक्टिविटी का प्रतीक है.
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के जेवर में यह एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है. इसका परिचालन शुरू होने पर दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बोझ कम होने और वेस्ट यूपी के लोगों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है.
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