Raksha Bandhan 2024 : भद्रा काल में भाई की कलाई पर राखी बांधने से होता है अनिष्ट, जानें क्या है शुभ मुहूर्त

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19 Aug 2024 (अपडेटेड: 19 Aug 2024, 12:58 PM)

Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat : रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है और आज ये त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है

रक्षाबंधन पर आज रहेगा भद्रा काल, जानें भाई को राखी बांधने का क्या है शुभ मुहूर्त

Raksha Bandhan 2024

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Raksha Bandhan 2024 Shubh Muhurat: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है और आज ये त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं. बहनें रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में राखी बांधती हैं. हालांकि इस बार सुबह में सूर्योदय के साथ ही भद्रा लग गई है, इसकी वजह से रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह में न होकर दोपहर में है. 

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19 अगस्त की सुबह 3:05 बजे से भद्रा काल शुरू होगा और दोपहर 1:31 बजे समाप्त होगा. भद्रा काल के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए, इसलिए शुभ समय के बाद ही राखी बांधना उचित होगा.

कब तक है शुभ मुहूर्त? 

रक्षाबंधन के पावन पर्व में भद्रा को काफी महत्व दिया जाता है. क्योंकि भद्रा में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इसलिए इस दौरान राखी नहीं बांधी जाती है. भद्रा सुबह 2.21 बजे से शुरू हो गई है. वहीं, भद्रा सुबह 09:51 बजे से 10:53 बजे तक पूंछ में रहेगी. फिर, भद्रा सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक मुख में रहेगी. इसके बाद दोपहर 1:30 बजे भद्रा काल समाप्त हो जाएगा. दोपहर 1:30 बजे के बाद ही राखी बांधी जा सकेगी. हालांकि, आज भद्रा में भी राखी बांधी जा सकेगी.  राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:43 बजे से शाम 4:20 बजे तक रहेगा. राखी बांधने के लिए कुल 2 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा.

भद्रा काल में राखी बांधने से होता है अशुभ

हिंदू धर्म में भद्रा काल अपशकुन का समय होता है. इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन हैं. देवी भद्रा का मूल स्वभाव विनाश करना है. इसलिए भद्रा काल में राखी बांधना सही नहीं होता है. रक्षाबंधन पर भद्रा का साया बेहद अशुभ होता है. कहते हैं सूर्पणखा नेभद्रा नक्षत्र में ही रावण को राखी बांधी थी, जिसके बाद राम-रावण के बीच युद्ध हुआ.
 

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