समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी चली गई. रामपुर विधानसभा सीट (Rampur assembly by-election) खाली होने के बाद वहां चुनाव का ऐलान हो गया. आजम खान ने रामपुर विधानसभा सीट से भले ही अपने खास आसिम राजा को मैदान में उतारा वो पर खुद आजम उन्हें वोट नहीं दे पाएंगे.
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जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत आजम खान न केवल चुनाव लड़ पाएंगे बल्कि उन्हें वोट देने का भी अधिकार नहीं होगा. निर्वाचक रजिस्ट्री अधिकारी रामपुर ने एक पत्र जारी कर आजम खान का नाम वोटर लिस्ट से हटाने को कहा है.
गौरतलब है कि रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में 27 अक्टूबर को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया.
जन प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद जन प्रतिनिधि को सदस्यता के अयोग्य घोषित किया जाता है. सजा के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लग जाती है. बता दें कि सन 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी लागू हुई.
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