उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ‘शूद्र’ वाले बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. अखिलेश यादव के बयान पर बीएसपी (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. वहीं अब मायावती के बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है. हरदोई में एक वैवाहिक समारोह में पहुंचे अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ भाजपा पर भी तंज कसा है.
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अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी होशियार पार्टी है खुद जो जवाब नहीं देना चाहती है, कभी-कभी दूसरे दलों को आगे कर देती है.
हरदोई में मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जहां तक सबाल है संविधान का हम सब समाजवादियों के लिये सबसे बड़ा धर्म कोई है, तो हमारा संविधान है. हम इस लोकतंत्र की पूजा कहते हैं. संविधान जो हमें अधिकार देता है और वो अधिकार छीने जा रहे हैं. संविधान में कहा गया है कि भेदभाव ना करें. संविधान हमें किसी को भी ऊंचा या नीचा दिखाने की सीख नहीं देता है. बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर और डा. राम मनोहर लोहिया ने जो आंदोलन चलाया, जो लड़ाई लड़ी, क्या उसके तहत हमें अधिकार मिल रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी वही अधिकार छीन रही है और लोगों को अपमानित कर रही है. सपा प्रमुख ने इशारों में ही तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर कई दल समय-समय पर बाहर निकल कर आते हैं.
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीएम योगी शरीफ नहीं है. उन्होंने अपने खुद के केस वापस लिए हैं, इतना ही नहीं डिप्टी सीएम के भी केस वापस कराएं हैं. ऐसे मुख्यमंत्री को सीएम रहने का कोई अधिकार नहीं है. उनको अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी मामले में भी सवाल उठाया. कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि सिख समाज के लोग थार में बैठकर के लखीमपुर में भी जाएंगे. बीजेपी के इशारे से काम न करें. बीजेपी के कार्यालय में थार लेकर के पहुंचे और जो आईपीसी की किताब है और उसको लेकर के जाएं. पूछें उसके तहत बीजेपी के लोगों पर कार्रवाई हुई है कि नहीं हुई है.’ बता दें कि शुक्रवार को लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर भाजपा से जुड़े सिख समुदाय के लोगों से सपा के खिलाफ प्रदर्शन किया था. उन्होंने रामचरितमानस को लेकर हो रहे विवाद पर सपा के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
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