उत्तर प्रदेश पुलिस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अगले कुछ दिनों में डीजी से लेकर एसपी रैंक के अफसरों के तबादले होने जा रहे हैं. इस तबादले में कमिश्नरेट से लेकर जोन और कई पुलिस विंग के चीफ भी शामिल हैं. गृह विभाग आईपीएस अफसरों की नई तैनाती को लेकर मंथन पूरा कर चुका है. कुछ महत्वपूर्ण पद और अफसरों की तैनाती पर रायशुमारी होना भर बाकी है.
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ईद का पर्व सकुशल संपन्न होने के बाद अब एक बार फिर सूबे की पुलिस को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए आईपीएस अफसरों की ट्रांसफर सूची पर बैठकों का दौर जारी है. अगले 1 सप्ताह के अंदर डीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक के अफसरों की तबादला सूची एक साथ या अलग अलग जारी हो सकती है. बात अगर डीजी और एडीजी रैंक के अफसरों की करें तो मौजूदा समय में पुलिस की कई ऐसी विंग हैं, जिनका चार्ज दूसरी विंग के अफसर को अतिरिक्त तौर पर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन आरके विश्वकर्मा के पास ईओडब्ल्यू का एक्स्ट्रा चार्ज है. विजिलेंस विंग की जिम्मेदारी डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान के पास है. एंटी करप्शन विंग की जिम्मेदारी एडीजी पुलिस आवास निगम हरिराम शर्मा के पास है. हरिराम शर्मा जून महीने में रिटायर हो रहे हैं, लिहाजा सरकार को एंटी करप्शन के साथ-साथ पुलिस आवास निगम में भी नए एडीजी चीफ को तैनात करना होगा.
वहीं, ज्योति नारायण के तबादले के बाद एडीजी 112 अशोक कुमार सिंह ट्रैफिक डायरेक्टरेट का भी काम देख रहे हैं. आईपीएस अफसरों की तैनाती में अहम रोल निभाने वाले एडीजी कार्मिक का पद भी खाली है, जिसका चार्ज एडीजी स्थापना संजय सिंघल के पास है. मानवाधिकार आयोग में भी एडीजी का पद खाली है, यहां का चार्ज एडीजी रूल्स एंड मैन्युअल एसके माथुर के पास है.
स्मारकों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए बनाए गए यूपीएसएसएफ में भी एडीजी रैंक के अफसर की तैनाती होनी है, जिसका फिलहाल चार्ज एडीजी पीएसी केएस प्रताप कुमार के पास है.
अब बात अगर फील्ड में तैनात अफसरों की करें, तो 2 पुलिस कमिश्नरेट वाले जिलों में बड़े बदलाव के संकेत हैं. एक कमिश्नरेट वाले जिले में लंबे समय से अफसरों के बीच समन्वय की कमी की शिकायतें शासन को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा पहले ही जता चुके हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में एडीजी रैंक के अफसरों को भी नई तैनाती दिए जाने को लेकर मंथन चल रहा है. पुलिस हेडक्वार्टर पर तैनात कई अफसरों को भी फील्ड में भेजे जाने की चर्चा है.
चर्चा है कि इस बार चुनाव के साथ-साथ हाल ही में हुई तमाम बड़ी व विवादित घटनाओं में अच्छा काम करने वाले अफसरों को बड़ी तैनाती दी जा सकती है. वही ऐसी घटनाओं पर फेल साबित हुए अफसर किनारे किए जाएंगे. लगभग डेढ़ दर्जन आईपीएस अफसरों की पहली सूची पर मंथन के बाद मोहर लगना बाकी है.
(अयोध्या से बनबीर सिंह का इनपुट)
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