उत्तर प्रदेश में इस साल दीपावली पर दो दिन की छुट्टी घोषित की गई है, जिससे लोगों को त्योहार का आनंद और अच्छे से लेने का मौका मिलेगा. आमतौर पर दीपावली के दिन ही अवकाश रहता था.लेकिन इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को छुट्टियां रहेंगी. दरअसल, इस बार दीपावली किस दिन मनाया जाएगा इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है.
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दरअसल, इस साल दीपावली की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है ताकि लोग बिना किसी बाधा के त्योहार मना सकें. अब दो दिन का अवकाश मिलने से प्रदेश के लोग परिवार के साथ दीपावली के इस शुभ अवसर को हर्षोल्लास से मना सकेंगे.
कब है दीपावली
काशी के पंडितों की मानें तो 31 अक्टूबर गुरुवार के दिन दीपावली मनाए जाने की तिथि है. दीपावली कार्तिक माह के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. प्रदोष काल के बाद की तिथि 31 अक्टूबर को शाम लगभग 4:00 बजे से लेकर 6:15 तक है. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है. घरों और अपने नगर को दीपक-लाइट से भव्य रूप से सजाया जाता है. हालांकि कई जगहों पर 1 नवंबर को भी दिवाली मनाई जाएगी. इसे देखते हुए सरकार ने 1 नंवबर को भी छुट्टी की घोषणा कर दी है.
क्यों मनाई जाती है दिवाली
Diwali History: ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मीजी कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुन्द्र मंथन में से प्रकट हुई थीं. इसी दिन भगवान राम चौदह साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. तब अयोध्यावासियों ने घर में घी के दिए जलाए थे और अमावस्या की काली रात भी रोशन हो गई थी इसलिए यह पर्व इस दिन मनाया जाता है. 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम प्रदोष काल शाम 5:37 से रात 8:11 तक रहेगा.
जानें पूजन विधि
Diwali Puja Timing: इस दिन आप शुद्ध जल से स्नान कर पूजा के स्थान को गंगाजल का अभिषेक कर शुद्ध करें. फिर एक चौकी पर लाल वस्त्र डालकर भगवान गणेश, कुबेर, लक्ष्मीनारायण जी का षोडशोपचार पूजन का धूप दीप प्रज्वालित कर श्रीसूक्तम, कनकधारा, लक्ष्मी चालीसा समेत किसी भी लक्ष्मी मंत्र का जप पाठ आदि करना चाहिए. दीपावली की रात को किए गए जप, तप, मंत्र, अनुष्ठान आदि करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि दीपावली पर लक्ष्मी पूजन सही विधि से किया जाए तो धन में वृद्धि होती है.
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