UP Nagar Nikay Election: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर लेकर योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द करने के बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ऑफीशियली तौर पर गुरुवार को एसएलपी दायर कर दी है.
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एसएलपी यानी कि विशेष अनुज्ञा याचिका जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से स्थानी निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव की मंजूरी देने का आग्रह किया गया है.
वहीं अपर महाधिवक्ता विनोद शाही ने बताया कि ऑफीशियली तौर पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी को फाइल कर दिया गया है. एडिशनल एडवोकेट जनरल शाही ने आगे बताया कि आगामी 2 जनवरी को जैसे ही कोर्ट खुलेगा तो तत्काल जल्द से जल्द सुनवाई करने के लिए सुबह ही सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई के लिए रिक्वेस्ट की जाएगी.
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि या तो सरकार सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय ‘ट्रिपल टेस्ट’ का फॉर्मूला अपनाकर ओबीसी आरक्षण दे या फिर बगैर ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव करवा ले.
वहीं हाइकोर्ट के फैसले के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी साफ कर दिया है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एक आयोग का गठन कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी को आरक्षण देगी और उसके बाद ही चुनाव होंगे. उत्तर प्रदेश में 762 नगरीय निकायों में चुनाव होने थे. इन नगरीय निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी 2023 के बीच खत्म होना है. न निकायों में चुनाव के लिए सरकार ने ओबीसी कोटे का ड्राफ्ट भी जारी कर दिया था. इसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है.
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