Uttar Pradesh News: गुरुवार 4 मई 2023 को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने पश्चिमी यूपी के सबसे खतरनाक गैंगस्टर अनिल दुजाना ( Anil Dujana encounter) को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. अनिल दुजाना पर 64 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. ये एक संयोग ही था कि ठीक 25 साल पहले 4 मई 1998 को ही यूपी एसीटीएफ का गठन हुआ था. यूपी एसीटीएफ का गठन 1998 में ऐसे समय में हुआ जब पूरे प्रदेश में एक से बढ़ कर एक माफियाओं का बोलबाला था और इनमें सबसे बड़ा नाम श्रीप्रकाश शुक्ला का था. यूपी एसीटीएफ का गठन कैसे और किस उद्देश्य के लिए हुआ इसके बारे में रिटायर्ड IPS अधिकारी राजेश पांडे ने यूपीतक को एक खास बातचीत में बताया.
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जब यूपी में था माफियाओं का आतंक
राजेश पांडे ने यूपीतक को बताया कि, ‘1990 के दशक में उत्तर भारत, खासकर यूपी में अपराध अपने चरम पर था और उस समय के कई गैंगस्टर बाद में राजनीति में आ गए. उत्तर प्रदेश में भी कई अपराधी और माफिया विधानसभा में मननीय बनकर अपने कदम रख रहे थे.’ उन्होंने आगे बताया कि, ‘उत्तर प्रदेश में कई 1998 के आसपास कई हत्याएं हुए जिसमें विरेन शाही, विवेक श्रीवास्तव जैसे काफी चर्चित हत्याएं भी शामिल थी. वहीं उसी समय बिहार के कैबिनेट मंत्री बृजबिहारी की भी AK-47 से गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस सारी हत्या के पीछे श्रीप्रकाश शुक्ला का हाथ था. श्रीप्रकाश शुक्ला ने तत्तकालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी मारने की सुपारी ले ली.’
न्यूयॉर्क से आया ब्लूप्रिंट
राजेश पांडे ने बताया कि यूपी के तत्कालीन प्रमुख सचिव (गृह) राजीव रतन शाह सरकारी काम से न्यूयॉर्क गए थे. इधर यूपी में संगठित अपराध और श्रीप्रकाश शुक्ला का आतंक चरम पर था. वह न्यूयॉर्क में NYPD ऑफिस भी गए और पुलिस हेड-क्वार्टर में अधिकारियों से बातचीत की. साथ ही संगठित गिरोह को तोड़ने के लिए वहां जो काम और यूनिट थी उससे भी बात की.वहीं, लखनऊ में श्रीप्रकाश की ताबड़तोड़ घटनाओं से खौफ का माहौल था. राजीव रतन जिस दिन न्यूयॉर्क से लौटे उसी दिन सीएम के सामने न्यूयार्क पुलिस ने कैसे शहर को अपराधियों से मुक्त कराया इसका ब्लूप्रिंट सामने रखा. इसी तर्ज पर यूपी एसटीएफ बनाने की बात चली.
ऐसे बनी UP STF
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी पांडे ने आगे बताया कि, ‘उस समय के कई खूंखार अपराधियों से निपटने के लिए तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार ने 17 अधिकारियों को मिलाकर यूपी एसटीएफ का गठन किया था और इसका मुख्य लक्ष्य श्री प्रकाश शुक्ला से निपटना था.’ यूपी एसटीएफ के पहले प्रमुख अजय राज शर्मा द्वारा लिखी गई एक किताब, ‘बिटिंग द बुलेट: मेमोयर्स ऑफ ए पुलिस ऑफिसर’ का हवाला देते राजेश पांडे ने बताया कि तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने अजय राज शर्मा को मिलने बुलाया और श्रीप्रकाश शुक्ला द्वारा उनकी सुपारी लेने की बात बताई.कल्याण सिंह ने अजय राज शर्मा की देखरेख में एक यूनिट स्थापित करने का निर्देश दिया. शुरू में इसमें तीन-चार लोगों को तैनात किया गया था, जिनमें IPS अधिकारी अरुण कुमार, सत्येंद्र वीर सिंह और राजशे पांडे शामिल थे.
राजेश पांडे ने बताया कि, ‘श्री प्रकाश शुक्ला ने ऐसा डर पैदा किया था कि सरकार ने 15 से 20 दिन के भीतर एसटीएफ का गठन किया था. वहीं श्रीप्रकाश शुक्ला को 21 सितंबर 1998 यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया.’
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