उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष और उन्नाव जिले से बीजेपी विधायक हृदय नारायण दीक्षित का एक अजीबो-गरीब बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, रविवार, 19 सितंबर को बांगरमऊ विधानसभा में आयोजित ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ में उन्होंने महात्मा गांधी और अभिनेत्री राखी सावंत को लेकर कथित तौर पर तुलना कर दी. वायरल बयान में उन्होंने कहा कि अगर कोई कम कपड़े पहनकर महान बन सकता है, तो बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत महात्मा गांधी से भी बड़ी हो जातीं.
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दीक्षित ने कहा था, “मेरी राय में, किसी भी विषय पर किताब लिखने से कोई भी बुद्धिजीवी नहीं बन जाता. अगर ऐसा है तो पिछले कई वर्षों में मैंने कम-से-कम 6,000 किताबें पढ़ी हैं.”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, “गांधी जी कम कपड़े पहनते थे. वह धोती ओढ़ते थे. देश उन्हें बापू कहता है. अगर कोई सिर्फ अपने कपड़े उतारकर महान बन सकता है, तो राखी सावंत महात्मा गांधी से भी बड़ी हो जातीं.”
हृदय नारायण दीक्षित के इस बयान के बाद उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना हुई, जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर सफाई दी है.
“सोशल मीडिया पर कुछ मित्र मेरे भाषण के एक वीडियो के अंश को अन्यथा अर्थों के संकेत के साथ प्रसारित कर रहे है. वास्तव में यह उन्नाव के प्रबुद्ध सम्मेलन में मेरे भाषण का अंश है, जिसमें संचालक ने मेरा परिचय देते हुए मुझे प्रबुद्ध लेखक बताया था.”
हृदय नारायण दीक्षित, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष,
उन्होंने सफाई देते हुए आगे कहा, “मैंने इसी बिंदु से बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि कुछ पुस्तकों और लेखों के लिखने से ही कोई प्रबुद्ध नहीं हो जाता. महात्मा गांधी कम कपड़े पहनते थे. देश ने उन्हें ‘बापू’ कहा। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं राखी सावंत भी गांधी जी हो जाएंगी.”
हृदय नारायण दीक्षित ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि उनके भाषण को वास्तविक संदर्भ में ही लिया जाए.
हृदय नारायण दीक्षित के बयान पर विपक्ष ने उन्हें घेरा
भारतीय जनता पार्टी की ओछी और गंदी राजनीति इससे साफ झलकती है. बीजेपी नेता गांधी जी का और महिला शक्ति दोनों का अपमान कर रहे हैं. बीजेपी की इस मानसिकता की वजह से लगातार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ता चला जा रहा है.
एसपी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा,
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “हृदय नारायण दीक्षित जी, गांधी जी पर कोई टीका टिप्पणी करने से पहले खुद के नेताओं में भी झांक लिया होता. झांक लिया होता श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सावरकर पर. अगर इन पर भी कोई अनुचित टिप्पणी करते तो बेहतर होता है. यह अपने आप में अक्षम्य अपराध के तरीके जैसा है.”
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