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यूपी सरकार ने 2030 तक पूरे राज्य को इलेक्ट्रिक वाहन मोड पर लाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022-2027 का मसौदा तैयार किया है.
इसमें पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आएगा और दस लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
ईवी नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, बैटरी और संबंधित उपकरणों के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बताया जा रहा है.
इस निर्णय के तहत राज्य में दो से चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, ई-बसों की खरीद पर 15 प्रतिशत की छूट और उनके पंजीकरण और रोड टैक्स पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी.
बता दें कि ईवी नीति लागू होने के पहले तीन साल में इलेक्ट्रिक वाहन के रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी.
इसके बाद चौथे और पांचवें वर्ष में 50% की छूट दी जाएगी.
ईवी पॉलिसी जारी होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के तक दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर 15% (अधिकतम 5,000 रुपये) की छूट दी जाएगी.
नीति के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को ईवी में बदला जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ, सरकारी कर्मचारियों को ईवी वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
ईवी नीति के अनुसार, शहरों के 9 किमी के दायरे में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे जबकि एक्सप्रेसवे पर 25 किमी के अंतराल पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे.
बता दें कि चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन दस साल की लीज पर दी जाएगी. पहले दो हजार चार्जिंग स्टेशनों पर 20 प्रतिशत सब्सिडी (अधिकतम 10 लाख रुपये) दी जाएगी.
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