इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अयोग्य करार दिये गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विक्रम सैनी के मामले में सुनवाई सोमवार को टाल दी. अदालत मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति समित गोपाल ने कहा, “अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने अपने मुवक्किल की दोषसिद्धि के निलंबन के लिए कार्यालय में 19 नवंबर, 2022 को आवेदन दाखिल किया है, लेकिन यह रिकार्ड में नहीं है. कार्यालय को इसका पता लगाने और अगली तारीख 22 नवंबर को इसे रिकार्ड में रखने का निर्देश दिया जाता है.”
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भाजपा विधायक विक्रम सैनी को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा गत बृहस्पतिवार को निलंबित कर दी. साथ ही अदालत ने इसी मामले में सैनी को जमानत भी दे दी.
मुजफ्फरनगर की एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगा से जुड़े एक मामले में 10 अक्टूबर, 2022 को खतौली से विधायक सैनी और 10 अन्य लोगों को दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी.इसके एक महीने बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने सैनी को विधायक के तौर पर अयोग्य करार दिया था और उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी थी जिसके लिए पांच दिसंबर को उपचुनाव होने जा रहा है.
सैनी ने अपनी दोषसिद्धि और सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.सैनी के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है और ना ही जनता की ओर से कोई गवाह है. अधिवक्ता ने दलील दी कि इसके अलावा, यहां किसी के घायल होने की भी बात नहीं है.
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