देवरिया के शहीद कैप्टन अंशुमान की बहादुरी के किस्से सुनाए जा रहे थे तो अपना गम नहीं जब्त कर पाई पत्नी

यूपी तक

06 Jul 2024 (अपडेटेड: 06 Jul 2024, 11:54 AM)

UP News: देवरिया के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. उनकी पत्नी स्मृति और मां को खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कीर्ति चक्र दिया. इस दौरान वहां का नजारा भावुक कर देने वाला था.

Captain Anshuman Singh

Captain Anshuman Singh

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में हुए थे शहीद.

point

अपनी जान पर खेलकर बचाई थी कई जवानों की जान.

point

पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर में कैप्टन थे.

UP News: 19 जुलाई 2023 के दिन देवरिया के कैप्टन अंशुमान सिंह ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया. पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमान सिंह अपने साथी जवानों की जान बचाते हुए शहीद हो गए. ये कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता और उनका जब्जा ही था कि उन्होंने 4 सैनिकों को मौत के मुंह से निकाल लिया. मगर वह खुद नहीं बच सके.

यह भी पढ़ें...

बता दें कि कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरता और शहादत को देखते हुए उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया. राष्ट्रपति भवन में खुद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीर कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह को कीर्ति चक्र दिया. 

अपना गम नहीं छुपा पाईं शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति

बता दें कि राष्ट्रपति भवन में शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की वीर गाथा सुनाई गई. बताया गया कि कैसे कैप्टन ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए और अपनी जान की चिंता नहीं करते हुए देश के लिए कुर्बानी दी. जब राष्ट्रपति भवन में कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरगाथा सुनाई जा रही थी, उस दौरान उनकी पत्नी स्मृति सिंह अपना दुख छुपा नहीं पाईं. इस दौरान वह काफी भावुक नजर आईं. मगर उनके चेहरे पर गर्व भी साफ देखा जा सकता था. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति को कीर्ति चक्र दिया और उन्हें ढांढस बंधाया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे. 

सियाचिन ग्लेशियर पर कैसे शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह

दरअसल ये पूरा मामला 19 जुलाई 2023 के दिन का है. 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में सेना के बंकरों में अचानक आग लग गई थी. इसमें कई सैनिक भी फंस गए. तेज हवाओं की वजह से लगातार आग बढ़ती जा रही थी. इसी बीच आग मेडिकल सेंटर तक पहुंच गई, जहां जीवन रक्षक दवाइयां रखी हुई थी. ये देखते ही कैप्टन अंशुमान सिंह बंकर में घुस गए और वहां से 4 जवानों को बाहर निकाल लिया. इस दौरान उन्होंने मेडिकल सेंटर को भी बचाने की कोशिश की और वह सफल भी हुए. मगर इस दौरान वह खुद आग की चपेट में आ गए. इलाज के दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए.
 

    follow whatsapp