यूपी के कैसरगंज से बीजेपी के बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस बीच खबर आई कि पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने रेलवे की अपनी नौकरी जॉइन कर ली है. इसके बाद इनके आंदोलन को लेकर तमाम तरह के दावे सोशल मीडिया पर तैरने लगे. हालांकि, पहलवानों ने खुद ही इन दावों की सच्चाई भी बताई और आंदोलन को लेकर अपनी पोजिशन साफ की. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का भी बड़ा बयान सामने आया है.
ADVERTISEMENT
आपको बता दें कि राकेश टिकैत ने भी पहलवानों को समर्थन का ऐलान कर रखा है और वह बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर डंटे हुए हैं.
राकेश टिकैत ने कहा है कि नौकरी को जॉइन करना आंदोलन से वापस होना नहीं है. टिकैत ने कहा कि हमने कहा था कि सरकार पहलवानों से बातचीत करे. उन्होंने जानकारी दी 9 तारीख वाला प्रोग्राम स्थगित है और इसके बारे में आगे फैसला लिया जाएगा.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने धरने से हटने की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि इंसाफ मिलने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
साक्षी और बजरंग ने तीन जून की रात गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके बाद से ही मीडिया में उनके आंदोलन से नाम वापिस लेने की अटकलें लगाई जा रही थी. साक्षी ने इस मुलाकात की पुष्टि की और कहा कि यह औपचारिक मुलाकात थी और इसमें कोई समाधान नहीं निकला है.
न्यूज एजेंसी ANI के साथ बातचीत में पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, “हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले, यह एक सामान्य बातचीत थी, हमारी केवल एक ही मांग है और वह है उन्हें (बृजभूषण सिंह) गिरफ्तार करना. मैं विरोध से पीछे नहीं हटी हूं, मैंने रेलवे में OSD के रूप में अपना काम फिर से शुरू कर दिया है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम विरोध करते रहेंगे. हम पीछे नहीं हटेंगे. उसने (नाबालिग लड़की) कोई प्राथमिकी वापस नहीं ली है, यह सब फर्जी है.”
नाबालिग लड़की के बयान वापिस लेने की खबरों पर उन्होंने कहा ,
‘‘ यह फेक न्यूज है. यह हमारे आंदोलन को कमजोर करने और आम जनता को हमसे तोड़ने के लिये ये खबरें चलाई गई हैं जो बिल्कुल गलत है. हम इस लड़ाई में ना कभी पीछे हटे थे और ना ही हटेंगे.”
वहीं तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग ने ट्वीट किया ,‘‘ आंदोलन वापिस लेने की खबरें कोरी अफवाह है. ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिये फैलाई जा रही है. ’’
उन्होंने आगे लिखा ,‘‘ हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापिस लिया है. महिला पहलवानों की एफआईआर वापस लेने की खबर भी झूठी है. इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.’’
उन्होंने यह भी कहा ,‘‘ हम सभी इस आंदोलन में एक हैं और एक ही रहेंगे.’’
विनेश फोगाट ने ट्वीट किया ,‘‘ महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुजर रही है, इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को.’’
एक अवयस्क समेत सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं.
28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर वहां महिला महापंचायत के आयोजन के लिये बढने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को कानून और व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया था. उन्हें शाम को छोड़ दिया गया लेकिन जंतर मंतर को खाली कराके उन्हें दोबारा वहां प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का ऐलान किया गया.
इसके बाद पहलवान 30 मई को हरिद्वार में अपने पदक गंगा में विसर्जित करने गए लेकिन किसान और खाप नेताओं के समझाने के बाद पदक बहाये बिना लौट आये थे.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
ADVERTISEMENT