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Adipurush Controversy: आदिपुरुष नहीं, ऐसा लगाता हैं कि ओम राउत ने विवाद का जड़ बना दिया है. फ़िल्म के ट्रेलर शुरू हुआ विवाद और ट्रोलिंग फ़िल्म रिलीज़ के बाद भी जारी है. और विवाद की बात हो और सपा के राष्ट्रीय महसचिव स्वामी प्रसाद मौर्या की बात ना हों, ऐसा हो नहीं सकता है. अब रामचरित मानस से फुर्सत में आए स्वामी प्रसाद के निशाने पर आदिपुरुष के विरोध ना करने वाले साधु-संत आ गए हैं. अब उन्होंने एक ट्वीट किया और आरोप लगाया है कि फ़िल्म के लेखक मनोज मुन्तसिर शुक्ला और ओम राऊत दोनों ही कथित ऊंची जाति के हैं, इसलिए उन पर धर्म के ठेकेदार सवाल नहीं उठा रहे हैं. स्वामी ने ट्वीट करके लिखा- ‘आदिपुरुष फिल्म में रामायण के सभी पात्र यथा मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड महारथी व विद्वान रावण, आज्ञाकारी भाई लक्ष्मण एवं आज्ञाकारी भक्त, सेवक व राजदूत हनुमान के माध्यम से मनोज मुन्तसिर एवं ओम राऊत ने जिस तरीके से अमर्यादित स्तरहीन गुंडे, मवाली व टपोरियों की भाषा बोलवाकर इन दोनों कलाकारों ने उपहास उड़ाया है, मर्यादा गिराई है क्या इससे हिन्दू धर्म के ठेकेदारों व सनातन धर्म का अपमान नहीं हुआ? यदि हुआ तो आतंकवादी भाषा बोलने साधु-संत व धर्म के ठेकेदार किस चूहें के बिल में घुस गए हैं, जो कल तक मेरी हत्या करने, धड़ से सिर अलग करने, तलवार से सिर काटने, जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले हों गए थे, उनकी बोलती आज बंद क्यों है? इसलिए न की मनोज मुन्तसिर और ओम राऊत ऊँची जाती के हैं। मैंने तो किसी धर्म, आराध्य पर कोई टिप्पणी भी नहीं की थी बल्कि हमने तो मानस के मात्र उन चौपाइयों के अंश को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग की थी जिसमे तुलसीदास जातीय कुंठा से ग्रसित होकर शूद्र वर्ण में आने वाली जातियों को व देश की समस्त महिलाओ को मारने-पीटने, प्रताड़ित करने, नीच व अधम कहने, नीच से भी नीच करार करने तथा अपमानित करने की बात कही थी, से मुक्ति दिलाकर उनके सम्मान का रास्ता प्रशस्त करने की बात की थी।’वहीं, अगर फ़िल्म के विवाद की बात करें, तो इसके लेखक मनोज मुंतिशर ने कहा डॉयलॉग्स में बदलाव किया जाएगा.
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