इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में 9 अप्रैल को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में एक ऐसा मुकाबला खेला गया, जिसे फैन्स कई सालों तक नहीं भूलेंगे. कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटन्स के बीच खेले गए इस मुकाबले के मुख्य किरदार रहे रिंकू सिंह. जी हां अलीगढ़ के वही रिंकू सिंह जिन्होंने इस मुकाबले के आखिरी ओवर में ऐसा अद्भुत खेल दिखाया, जिसकी तारीफ करने के लिए शब्द कम पड़ गए. आइए इस वीडियो में कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटन्स के बीच खेले गए मैच और रिंकू सिंह के बारे में जानते हैं.
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पहले आएए बात की जाए मैच की. कोलकाता को आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन बनाने थे. यानी 6 गेंद पर चाहिए थे 29 रन. हार लगभग तय दिख रही थी. सब ये मान कर बैठे थे कि अब KKR हार जाएगी. गुजरात टाइटन्स के कप्तान राशिद खान ने आखिरी ओवर फेंकने की जिम्मेदारी बाएं हाथ के पेस बॉलर यश दयाल को सौंपी. यश दयाल की पहली गेंद पर उमेश यादव ने सिंगल लेकर स्ट्राइक रिंकू सिंह को दी. इसके बाद अलीगढ़ के रिंकू ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि KKR के फैंस खुशी से झूम उठे. रिंकू ने आखिरी पांच गेंदों पर पांच छक्के लगाकर टीम को जीत दिला दी. ये रिंकू के आईपीएल करियर का बेस्ट स्कोर रहा. आईपीएल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम ने आखिरी ओवर में इतने रन बनाकर मुकाबला जीता हो.
अब आइए आपको बताते हैं रिंकू सिंह की वह कहानी, जिसे हर उस व्यक्ति को सुननी चाहिए. रिंकू का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ. वह 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं. रिंकू के पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वह गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे. उधर रिंकू को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था, लेकिन पिता बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनका बेटा इस खेल में समय बर्बाद करे. इसके चलते रिंकू की कई बार जमकर पिटाई भी हो जाती थी. इसके बावजूद रिंकू ने क्रिकेट खेलना जारी रखा. दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें इनाम के तौर पर बाइक मिली, जिसे उन्होंने अपने पिता को सौंप दी. इसके चलते रिंकू की पिटाई तो बंद हो गई थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब बनी हुई थी. ऐसे में रिंकू ने नौकरी करने का फैसला किया.
रिंकू की इस कहानी को खबर की शुरुआत में दिए गए वीडियो में भी देखा जा सकता है.
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