अपनी पहचान ना बताने वाली बुर्का पहनी इस महिला को देखकर पुलिसवालों में हड़कंप मच गया. सवाल ये- कि बेटे असद को आखिरी विदाई देने क्या उसकी मां यानी शाइस्ता परवीन तो नहीं है. 50 हजार की इनामी शाइस्ता कहीं असद से मिलने तो नहीं पहुंची. इसलिए महिला अपनी पहचान नहीं बता रही है. तमाम सवाल जिनके जवाव की तलाश में यूपी तक की टीम जुट गई. यूपी तक की टीम ने इस महिला को लेकर जानकारी बटोरने शुरू की तो बड़ा खुलासा हुआ. यूपी तक की पड़ताल में मालूम चला. कि बुर्के में ये महिला शाइस्ता परवीन नहीं. बल्कि अतीक अहमद की सबसे बड़ी बहन शाहीन थी. अतीक की बहन अपनी बेटी और 3 रिश्तेदारों के साथ असद को आखिरी बार देखने के लिए आई थी. वो जिद्द कर रही थी कि उसे एक बार असद को दिखा दिया जाए. तो बुर्के वाली महिला शाइस्ता नहीं अतीक की बड़ी बहन निकली. और इस तरह पुलिस के हाथ फिर से खाली रह गए.
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Asad Ahmed funeral
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