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हाथों में हाथ हैं. एक ओर आज़म ख़ान हैं, दूसरी ओर उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म है. बीच में दोनों के हाथों को पकड़कर धीरे-धीरे चल रहे हैं, घायल चंद्रेशखर आज़ाद. भीम आर्मी चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद पर जब से हमला हुआ है, लगातार लोग उनसे मिलने पहुंच रहे हैं.
इस बीच समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव भले ना पहुंचे हों, लेकिन आज़म खान जरूर चंद्रशेखर आज़ाद की खैरियत जानने पहुंच गए. कभी आज़म खान के लिए रामपुर में प्रचार करने जाने वाले चंद्रशेखर अपने बिस्तर पर आराम फराम रहे थे. जब आज़म खान पहुंचे, तो ना सिर्फ खैरियत जानी, बल्कि आज़ाद को घर से बाहर से जनता के बीच भी लाए. घायल आज़ाद को लाने के लिए अब्दुल्ला और आज़म दोनों ने हाथ थाम लिए. और फिर मीडिया से बातचीत भी हुआ. आज़म खान अपने ही अंदाज में नजर आए
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