बताइए.. कभी इसी कप्तानगंज थाने में ताव से रहते थे दारोगा जी.. इनके अंडर कई पुलिसकर्मी थे.. कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल.. कई फरियादी इनके सामने हाथ जोड़ कहते थे की साहब न्याय दिला दीजिए.. लेकिन साहब का दिल नहीं भरता था.. साहब ने ऐसा रिस्क उठा लिया की भइया अब इसी कप्तानगंज थाने में गिरफ्तार हुए पड़े हैं.. जी हां.. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में अपने ही थाने में दारोगा को घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. दारोगा पर आरोप था कि एक मामले में व्यक्ति को छोड़ने के लिए वो 30 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे.
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पीड़ित की शिकायत पर आजमगढ़ के एसपी ने एक्शन लेते हुए मामले की जांच की. इसके बाद सिटी सीओ के नेतृत्व में टीम भेजकर थाना परिसर के आवास से ही दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया. वो दारोगा उसी थाने में कार्यरत थे… दरअसल पूरा मामला आजमगढ़ जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के अमलाई गांव का है. यहां रहने वाले संतोष कुमार ने आजमगढ़ के एसपी को लिखित में शिकायत दी थी.
संतोष कुमार ने अपनी शिकायत में कहा था कि दारोगा मोहन प्रसाद द्वारा आवेदक को छोड़ने के लिए 30000 रुपये रिश्वत की मांग की गई है.
जांच में यह आरोप सही पाया गया. जांच रिपोर्ट के आधार पर कप्तानगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और कार्रवाई की जिम्मेदारी सीटी सीओ को दी गई. इसके बाद रिश्वत मांगने वाले दारोगा को उन्हीं के थाने से गिरफ्तार कर लिया गया. इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करते हुए आजमगढ़ के एसपी (ग्रामीण) ने बताया कि एक शख्स ने कप्तानगंज थाने में तैनात दारोगा मोहन प्रसाद पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद आरोप सही साबित हुआ.
In Azamgarh, Uttar Pradesh, a sub-inspector was arrested in his own police station for taking bribe. The inspector was accused of demanding a bribe of Rs 30,000 to release a person in a case.
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