इन तस्वीरों को देख कर आप सोच रहे होंगे कि यहां कोई शादी या पार्टी का आयोजन किया गया है और लोग इसके मजे ले रहे हैं। लेकिन रुक जाइए ये सीन किसी पार्टी का नही है, ये सीन है मणिकर्णिका घाट महाश्मशान का। जहां लोग तो उपस्थित हुए थे महाश्मशान मंदिर के वार्षिकोत्सव में, लेकिन यहां भोले नाथ की जैकारे साथ गाना बज रहा था, ले चलीं घुमावे बुलेट पर जीजा… जिस धर्म के लिए लोग एक दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं उसी धर्म को समाज के सामने कैसे परोसा जा रहा है इस बात का अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि एक तरफ गम में डूबे अपनों को आखिरी विदाई देने वाले लोग मणिकर्णिका घाट पर दहाड़ मार कर रो रहे थे तो वहीं पर दूसरी तरफ गाना बज रहा था गोरी तोहर चुनरी त लाल लाल रे। मतलब एक तरफ चैत्र नवरात्रि के सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की उपासना करते हैं और दूसरी और अश्लीलता से नगर वधुओं से ठुमके लगवाते हैं, और ऐसे ही लोग समय समय पर धर्म के ठेकेदार बन जाते हैं और सनातन संस्कृति पर ज्ञान पशेरी के हिसाब से फेंक फेंक कर मारते हैं।
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Looking at these pictures, you must be thinking that some wedding or party has been organized here and people are enjoying it. But wait, this scene is not of any party, this scene is of Manikarnika Ghat cremation ground. Where people were present in the anniversary celebration of the great cremation temple, but here the song was being played along with Bhole Nath’s Jaikare, brother-in-law took the bullet for a ride…
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