Gyanvapi case: वाराणसी के चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी के मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान जिला जज ने मुस्लिम पक्ष पर 500 रुपये का अर्थदंड लगा दिया. मुस्लिम पक्ष की तरफ से सुनवाई के लिए और समय मांगे जाने पर यह दंड लगाया गया और अगली तारीख 22 अगस्त तय की गई. गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में रेजॉइंडर यानी प्रत्युत्तर दिया जाना था. प्रत्युत्तर देने की जगह मुस्लिम पक्ष की तरफ से और समय मांगा गया.
ADVERTISEMENT
मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रहे अभय नाथ यादव के असमय निधन पर वकीलों की नियुक्ति से संबंधित वकालतनामा भी कोर्ट में दिया गया. वाराणसी (Varanasi news) के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी के मामले में जिला जज की अदालत में मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणनियता के मामले में चल रही सुनवाई में बीते दिनों सभी पक्षों ने अपनी दलील रख दी थीं. अंत में मुस्लिम पक्ष की ओर से एक बार फिर से प्रत्युत्तर दिया जाना था. उसके पहले ही केस की अगुवाई करने वाले मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव की असमय मौत हो गई.
ज्ञानवापी: मुस्लिम पक्ष ने कहा- किसी धार्मिक स्थल की स्थिति बदलने की मांग नहीं की जा सकती
इसके बाद से ही मुस्लिम पक्ष कोर्ट से तैयारी के बाबत समय मांगे जा रहा थे. गुरुवार को एक बार फिर जैसे ही मुस्लिम पक्ष की ओर से तैयारी को लेकर एक बार फिर समय मांगा गया वैसे ही कोर्ट ने हिदायत देते हुए ₹500 का अर्थदंड लगा दिया. इस बारे में अंजुमन इंतजा मियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहिद खान ने बताया कि कोर्ट ने फटकार नहीं लगाई है, बल्कि हिदायत दी है. उनकी तरफ से प्रतिउत्तर दे दिया जाएगा. इसके बाद ही केस की मेंटेनेबिलिटी को लेकर फैसला आएगा.
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना था कि सिर्फ मामले को लटकाने के मकसद से ही बार-बार मुस्लिम पक्ष समय मांग रहा है. इसी वजह से उनके ऊपर अर्थदंड लगाया गया है. इसकी मांग उनकी यानी हिंदू पक्ष की तरफ से की गई थी.
कोर्ट में क्या-क्या हुआ इस बारे में विस्तार से खबर की शुरुआत में ही शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखा जा सकता है.
हिंदू पक्ष के वकील का दावा- ज्ञानवापी क्षेत्र में स्वयं प्रकट हुए थे ‘आदिविश्वेश्वर’
ADVERTISEMENT