मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव की इतनी बड़ी जीत का पूरा राज पत्रकारों ने खोल दिया, देखिए

पुष्पेंद्र सिंह

• 06:11 PM • 09 Dec 2022

Mainpuri by elction result analysis: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को…

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Mainpuri by elction result analysis: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को दो लाख 88 हजार 461 मतों से हराकर एक बड़ी जीत हासिल की है. सैफई का यादव परिवार इस जीत को मुलायम सिंह यादव को सच्ची श्रद्धांजलि बता रहा है. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए हरसंभव कोशिश की थी, लेकिन उनकी दाल नहीं गली. डिंपल यादव ने पूरे चुनाव को लगभग एकतरफा बना दिया. मैनपुरी पर डिंपल यादव की इस बड़ी जीत की इनसाइड स्टोरी वहां के वरिष्ठ पत्रकारों ने बताई है.

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इस खबर के शुरुआत में शेयर किए गए वीडियो पर क्लिक कर आप मैनपुरी में सपा की जीत पर पत्रकारों के विश्लेषण को देख सकते हैं.

आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक डिंपल ने दो लाख 88 हजार 461 मतों से जीत हासिल की। डिंपल ने छह लाख 18 हजार 120 मत हासिल किये जबकि शाक्य को तीन लाख 29 हजार 659 वोट मिले.

मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई थी. इस सीट के उपचुनाव के तहत गत पांच दिसंबर को मतदान हुआ था. सपा ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम की बहू डिंपल को प्रत्याशी बनाया था. मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा की यह चौथी सबसे बड़ी जीत है. इस सीट से सबसे ज्यादा मतों से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम है.

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान को तीन लाख 64 हजार 666 मतों से पराजित किया था. इससे पहले वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में भी मुलायम सिंह यादव तीन लाख से ज्यादा मतों से जीतने में कामयाब रहे थे. उस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अशोक शाक्य को 37 हजार 870 मतों से पराजित किया था.

मुलायम सिंह यादव वर्ष 2014 में मैनपुरी और आजमगढ़, दोनों ही सीटों से लोकसभा चुनाव जीते थे. बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी, जिस पर हुए उपचुनाव में उनके पौत्र तेज प्रताप सिंह यादव भी तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को तीन लाख 21 हजार 249 वोटों से हराया था. उस वक्त प्रदेश में सपा की सरकार थी.

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