खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है कुछ ऐसा ही करके दिखा दिया है इस मैनपुरी के लाल सूरज तिवारी ने..जिनकी चर्चा आम से लेकर खास हर किसी की जुबान पर है..सूरज ने UPSC की सिविल सर्विसेज के फाइनल रिजल्ट में 917 रैंक हासिल की है..सूरज ने ऐसे लोगों के सामने एक मिसाल पेश की है जो थोड़ी सी ही मुश्किलों के आगे सरेंडर कर देते हैं..मिसाल की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती..सूरज के दोनों पैर और एक हाथ नहीं है..दूसरे हाथ मे केवल तीन उंगलियां है लेकिन ये सूरज की मेहनत और लगन ही थी जो आज सूरज ने ये मुकाम हासिल किया..आप जानकर हैरान होंगे कि सूरज के आगे सिर्फ ये शारिरिक चुनौतियां ही नहीं थीं..माली मुश्किलें भी थी..पिता कुरावली में दर्जी का काम करते..कपड़ों रफू,तुरपाई कर वो जैसे-तैसे अपने बेटे के नसीब में भी कामयाबी और खुशियों का पैबंद लगाने की जी तोड़ कोशिश करते..मां दुआओं में बेटे के तकदीर को बदलने की इल्तजा..और देखिए ना दुआएं कुबुल हुईं..मेहनत रंग लाईं तो कैसे चेहरे खिल गए हैं..मानो सारे जहां की खुशियां आज इसी घर में डेरा डाल चुकी हो..#UPT039
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IAS Topper of Mainpuri, struggle story of Suraj tiwari
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