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यूपी के अस्पतालों का हाल किसी से छिपा नहीं है लेकिन क्या हो अगर अस्पताल की लापरवाही का नतीजा बच्चों की मौत हो. फर्रुखाबाद में भी ऐसा ही हुआ है. आज प्वाइंट ब्लैंक के इस एपिसेड में हम फर्रुखाबाद के राम मनोहर लोहिया अस्पताल की बात करेंगे. रोते बिलखती ये मां अपनी बच्चे की आवाज सुनने के लिए तरस रही है. लेकिन वो बच्चा अब कभी नहीं बोल पाएगा. 8 महीने के मासूम की मौत हो गई और आरोप अस्पताल प्रशासन पर लग रहा है. आरोप है कि अस्पताल में टाइम पर इलाज ना मिलने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई. बीते रात में इलाज के लिए अलग अलग परिजन दो मासूम बच्चों को लेकर आए. अस्पताल प्रशासन द्वारा इन बच्चों को पीकू वार्ड भेजा गया लेकिन पीकू वार्ड मैं तैनात डॉक्टर थे ही नहीं. बच्चों की हालत बिगड़ने पर परिजन इधर-उधर भागते रहे।मौजूद स्टाफ ने ड्यूटी डॉक्टर को फोन किया लेकिन डॉक्टर का फोन नहीं लगा। इतनी भाग दौड़ के बीच एक-एक कर दोनों बच्चों की मौत हो गई।
This crying mother is longing to hear her child’s voice. But that child will never be able to speak now. An 8-month-old baby died and the hospital administration is being blamed.
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