भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा चुनाव (लड़ने) के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा है, ”मोर्चे का मतलब है कि कोई भी सरकार अगर गलत काम करती है तो उसका विरोध करना, उस पर बैठकर सरकार से बातचीत करना और उसका समाधान निकालना.”
ADVERTISEMENT
इसके बाद जब उनसे फिर से पूछा गया कि ‘चुनाव नहीं लड़ेंगे?’ तो उन्होंने कहा, ”चुनाव तो नहीं लड़ेंगे.”
मुजफ्फरनगर ‘किसान महापंचायत’ में जाने से पहले राकेश टिकैत से जब इसके सियासी मायने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ”सियासी मायने यही हैं कि इसी मीटिंग की तरह और भी बड़ी-बड़ी मीटिंग हों और वहां से देश की जनता को मैसेज जाए.”
जब उनसे पूछा गया कि मुजफ्फरनगर ‘महापंचायत’ में क्या किसी राजनीतिक दल को समर्थन देने से जुड़ी घोषणा हो सकती है, तो उन्होंने कहा, ”इस तरह की कोई घोषणा नहीं होगी. हालांकि सरकार का विरोध तो जरूर होगा.” उन्होंने कहा कि अगर कहीं की भी सरकार किसानों के पक्ष में काम नहीं करेगी, तो उसका विरोध होगा.
राकेश टिकैत ने यह भी कहा, ”अब लड़ाई तीन कानूनों से अलग भी है. देश को बचाना है. देश की जो सरकार है, वो किस तरह से पब्लिक सेक्टर को बेचने का काम कर रही है. उससे बेरोजगारी भी फैल रही है. उससे महंगाई बढ़ेगी.”
(इनपुट्स: कुमार कुणाल)
मुजफ्फरनगर महापंचायत: ग्राउंड जीरो पर मौजूद यूपी तक, देखिए कैसे किसानों का हुजूम उमड़ा
ADVERTISEMENT