उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 26 सितंबर को योगी आदित्यनाथ सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस विस्तार से पहले निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद को भी मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन जिन सात नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किया गया, उनमें संजय निषाद का नाम नहीं है. ऐसे में इस मामले पर यूपी तक ने संजय निषाद से बातचीत की और उनका रुख जाना.
ADVERTISEMENT
योगी मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने के सवाल पर संजय निषाद ने कहा, ”हम पद प्रतिष्ठा के लिए नहीं, बल्कि अपने सामाजिक मुद्दे के हल के लिए काम कर रहे हैं, जिस पर काम हो रहा है. टीम गठित हो गई है.”
जब उनसे पूछा गया कि आप एक समय पर डिप्टी सीएम पद की बात कर रहे थे और अब आपका नाम एमएलसी के लिए राजभवन भेजा गया है तो उन्होंने कहा, ”समय आने दीजिए. समय सीढ़ी है. भारतीय जनता पार्टी चाय बेचने वाले के बेटे को प्रधानमंत्री बना सकती है. भारतीय जनता पार्टी कुछ भी सकती है.”
एमएलसी पद को लेकर संजय निषाद ने कहा, ”अगर कानून बनाने की जगह पर भारतीय जनता पार्टी ने (मुझे) भेजा है तो निश्चित तौर पर ऐसा कानून बनेगा कि जो समाज 70 फीट नीचे चला गया है, वो ऊपर आ जाए.”
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की मौजूदगी में इस बात की औपचारिक घोषणा की गई थी कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी और निषाद पार्टी मिलकर लड़ेंगी.
संजय निषाद ने बताया- यूपी में कितनी है उनकी ताकत, ‘हाथी, लाठी, 786 साथ हुए फिर भी हराया’
ADVERTISEMENT