निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी जहां जीत के लिए जद्दोजहत कर रही है एक तरफ तो उसके ही बागी उसका समीकरण विगाड़ने में लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ खेमे बाजी के काऱण ऐन मौके पर टिकट तक बदलने पड़ रहे हैं. ताजा मामला बरेली का है जहां पर पहले तो सपा की तरफ से संजीव सक्सेना को टिकट दिया गया. लेकिन नामांकन के बाद पार्टी के नेताओं द्वारा उनके उपर नाम वापस लेने के लिए दवाब बनाया गया. क्योंकि पार्टी ने बरेली सीट पर निर्दलिय प्रत्याशी डॉ आईएस तोमर को अपना समर्थन दिया.
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Where the Samajwadi Party is struggling for victory in the civic elections, on the one hand, its own rebels are trying to spoil its equation, and on the other hand, due to factionalism, even tickets have to be changed at the last moment. The latest case is of Bareilly, where Sanjeev Saxena was first given a ticket by the SP. But after the nomination, pressure was created on him by the party leaders to withdraw his name. Because the party gave its support to the independent candidate Dr IS Tomar on the Bareilly seat.
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