2014, 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उत्तर प्रदेश की सियासी तस्वीर को बदलकर रख दिया था. उस दौरान बीजेपी नेता और वर्तमान में गृह मंत्री अमित शाह की नीति ने जीत की ऐसी लकीर खींची थी कि अन्य विपक्षी दल बीजेपी के आसपास भी नहीं दिखे थे. ऐसा कहा जा रहा है कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की उसी ‘चाणक्य नीति’ पर समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव चल पड़े हैं.
ADVERTISEMENT
बता दें कि कभी बीजेपी ने जैसे जोड़-तोड़ की सोशल इंजीनियरिंग की थी, आज एसपी चीफ अखिलेश भी उसी राह पर चलते दिख रहे हैं. फिर चाहे पश्चिम में इमरान मसूद की जॉइनिंग हो या स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई बीजेपी विधायकों के टूटकर एसपी में आने की खबरें. अखिलेश ने तमाम छोटे दलों के साथ गठबंधन कर ये बताने की कोशिश की है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी को उसी के रणनीति के साथ घेरने के लिए तैयार हैं.
एसपी का दामन थाम चुके हैं ये बड़े नेता-
पिछले कुछ ही दिनों में दल बदल कर आए कई दिग्गज नेता समाजवादी पार्टी का दामन थमा चुके हैं. बता दें कि बीएसपी से निकाले जाने के बाद कुर्मी समाज के बड़े नेता लालजी वर्मा ने एसपी जॉइन की है. आपको बता दें कि कुर्मी वोट गैर यादव ओबीसी वोट में सबसे ज्यादा अहम माना जाता है. लालजी वर्मा के अलावा अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता राम अचल राजभर भी बीएसपी से निकाले जाने के बाद एसपी में आ चुके हैं. राजभर वोट पूर्वांचल के लिए कितना खास है, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 2017 के चुनाव में बीजेपी ने इस वोट के लिए एसबीएसपी चीफ ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन किया था. आज ओम प्रकाश राजभर भी अखिलेश के खेमे में हैं.
इनके अलावा और किन बड़े नेताओं ने हाल ही के दिनों में समाजवादी पार्टी जॉइन की है, ये जानने के लिए ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
UP इलेक्शन: अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं सीएम योगी आदित्यनाथ
ADVERTISEMENT