उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi News) में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 2 सदस्यों की गिरफ्तारी मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है. कम्युनिस्ट फ्रंट संगठन के नेता मनीष शर्मा ने यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए PFI से जुड़े कार्यकर्ताओं के परिवार से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मनीष ने कहा कि पीएफआई के नाम पर मुस्लिम लोगों को टारगेट किया जा रहा है.
ADVERTISEMENT
उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक इस्लामोफोबिया का एक कैंपन चल रहा है. मुस्लिम समाज पर जबरदस्त दमन चल रहा है. पीएफआई के नाम पर पूरे देश में मुस्लिम नौजवानों को टारगेट करने का इनका इरादा है. हालांकि, पीएफआई प्रतिबंधित संगठन नहीं है. पीएफआई से जुड़ना कोई अपराध नहीं है.
मनीष ने कहा कि जो नौजवान पकड़े जा रहे हैं, उनका पीएफआई से कोई लेना-देना नहीं है. ये ऐसे नौजवान हैं जो लगातार समाज को लेकर सड़कों पर रहते हैं, आंदोलन करते हैं, समाज की बात को सरकार तक पहुंचाते रहते हैं. ये ऐसे लोग हैं. ऐसे लोगों को ये सरकार दबाकर रखना चाहती है.
बता दें कि एनआईए की अगुवाई में कई एजेंसियों ने गुरुवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापे मारे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया.
उत्तर प्रदेश से पीएफआई के 8 कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया गया, जिसमें वाराणसी में 2 को एटीएस ने गिरफ्तार किया.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर गिए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
PFI के पकड़े गए दो सदस्यों को वाराणसी कोर्ट में किया गया पेश, 14 दिन की न्यायिक रिमांड में
ADVERTISEMENT