उत्तर प्रदेश के वाराणसी के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई को टालते हुए अगली तिथि 5 दिसंबर की तय की है. जिला जज की तरफ से सुनवाई की इतनी बाद की तिथि देने के पीछे वजह थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को डायरेक्शन दिया था कि निचली अदालत में केस की सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह में किया जाए.
ADVERTISEMENT
गौरतलब है कि वाराणसी जिला जज की कोर्ट में पिछली 2 नवंबर की तारीख पर हिंदू पक्ष के उस प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से आपत्ती दर्ज कराई गई थी, जिसमें कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के बचे हुए हिस्से जिसमें तहखाना सहित अन्य हिस्सों को खुलवाकर एडवोकेट कमीशन की कार्यवाही की मांग की गई थी.
शुक्रवार को हिंदू पक्ष द्वारा प्रत्युत्तर कोर्ट के सामने रखा जाना था. लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट के डायरेक्शन के चलते अब इस मामले की सुनवाई 5 दिसंबर को कोर्ट करेगी, तभी हिंदू पक्ष की तरफ से प्रतिउत्तर भी पेश किया जाएगा.
इस पूरे मामले पर हिंदू पक्ष राखी सिंह की तरफ से वकील अनुपम द्विवेदी ने बताया,
“शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन लेकिन जिला जज की अदालत में वैज्ञानिक पद्धति से परीक्षण या कार्बन डेटिंग के खारिज प्रार्थना पत्र को वापस हाईकोर्ट में याचीनी संख्या 2 से 5 की तरफ से सिविल रिवीजन दाखिल किया गया था. जिसमें हाईकोर्ट में यह मुद्दा उठाया गया कि अगर निचली अदालत में यूं ही केस की सुनवाई चलती रही तो उनके इस प्रार्थना पत्र को लेकर निर्णय नहीं हो पायेगा. इसपर हाईकोर्ट ने दिसंबर के पहले सप्ताह में सुनवाई का जिला जज को डायरेक्शन दे दिया. इसी को ध्यान में रखते हुए जिला जज की तरफ से 5 दिसंबर की तिथि अगली सुनवाई के लिए तय की गई है.”
अनुपम द्विवेदी
वहीं, मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि हाई कोर्ट की तरफ से एक डायरेक्शन आ गया था कि जिला जज की अदालत में चल रहे मुकदमे की अगली तारीख दिसंबर के पहले सप्ताह में लगा दी जाए. जिसकी वजह से सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर को तय कर दी गई है.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, कथित शिवलिंग को संरक्षित रखने का आदेश बरकरार
ADVERTISEMENT