उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार अलग-अलग माध्यम से जनता तक अपनी ‘उपलब्धियों’ को पहुंचाने में भी जुटी हुई है. एक ऐसे वक्त में जब यूपी में सीएम योगी के ‘अब्बा जान’ बयान पर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है, योगी सरकार ने उर्दू में भी अपने काम और फैसलों को गिनाया है. इसे हाल ही में यूपी में सक्रिय हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष को जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है.
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यूपी के मिशन 2022 में ‘मोदी का नाम और योगी का काम’ लेकर बीजेपी जनता के बीच जाएगी, यह बात अब साफ होती नजर आ रही है. योगी सरकार अक्सर अपने काम का जिक्र करती रहती है पर अब उर्दू भाषी लोगों तक पहुंचने के लिए भी सरकार ने पहल की है.
उर्दू अखबार में छपे विज्ञापन में ‘नंबर वन’ यूपी बताते हुए सीएम योगी के काम का जिक्र किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर एक ओर है तो दूसरी ओर यूपी सरकार की तमाम ‘उपलब्धियों’ और फैसलों को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है.
इसमें स्लोगन है ‘मुल्क में सरे फेहरिस्त’ यानी देश में यूपी को अव्वल बताया गया है. यह ठीक उसी समय हुआ है, जब समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दल सरकार को घेर रहे हैं और ओवैसी भी यूपी की चुनावी बिसात पर उतरने की तैयारी में हैं.
यूपी सरकार ने उर्दू अखबार में विज्ञापन के जरिए इस बात पर फोकस किया है कि प्रधानमंत्री ने यूपी की तारीफ करते हुए इसे ‘नंबर वन’ बताया है. इसी बात का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी की हाल ही में योगी सरकार की तारीफ को उन्हीं के शब्दों में बताया गया है- ”आज दुनिया के बड़े उद्योगपति आत्मनिर्भर भारत से जुड़े हैं. इसमें यूपी देश के प्रथम इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर उभरा है.”
खास बात यह है कि इसमें पिछली सरकारों को भी घेरा गया है और दावा किया गया है कि पिछले कुछ साल तक यूपी में कारोबार के अनुकूल स्थिति नहीं थी. नरेंद्र मोदी को कोट करते हुए लिखा गया है कि आज ‘मेक इन इंडिया’ के लिए यूपी पसंदीदा स्थान बन रहा है, इसका बड़ा कारण ”यूपी में योगी सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस है.”
इसके बाद यूपी को तमाम केंद्रीय योजनाओं में अव्वल बताया गया है. इन योजनाओं में पीएम स्वनिधि योजना, सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना में प्रदेश की योगी सरकार की ‘रिकॉर्ड उपलब्धियों’ का जिक्र है. साथ ही कोरोना काल में हुए काम का भी उल्लेख किया गया है.
‘मुल्क में सरे फेहरिस्त’ यानी ‘देश में सबसे अव्वल’ यूपी को बताकर योगी सरकार अल्पसंख्यकों तक भी पहुंचने की कोशिश में दिख रही है. सत्तारूढ़ बीजेपी की चुनावी रणनीति की दृष्टि से भी इसे अहम माना जा रहा है. इस पर बीजेपी के एक नेता कहते हैं, ”ये सभी लोगों को बताना है कि सरकार ने क्या-क्या किया है क्योंकि कुछ लोग यूपी में आकार भ्रम फैलाने और दुष्प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं.’
इस बीच माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ की छवि की एक कुशल प्रशासक के रूप में ब्रांडिंग भी बीजेपी के ‘मिशन 2022’ की रणनीति का हिस्सा है. वह भी खास तौर पर उस वर्ग के बीच, जहां तक पहुंचना बीजेपी के लिए अब तक आसान नहीं रहा है.
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