Mangesh Yadav Encounter: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर आभूषण कारोबारी लूट केस में आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर के मामले ने तूल पकड़ लिया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. वहीं मंगेश यादव के परिजनों ने भी इस एनकांउटर को फर्जी बताया है. परिजनों का कहना है कि पुलिस मंगेश को सोमवार की देर रात घर से उठाकर ले गई थी. पूछने पर बोला था कि पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं. एक-दो दिन में छोड़ देंगे. इसके बाद उसे गाली मार दी.
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मंगेश का कैसे हुआ एनकाउंटर
STF के मुताबिक सुल्तानपुर में भरत ज्वेलर्स यहां पड़ी दिनदहाड़े डकैती की वारदात में शामिल एक लाख के इनामी मंगेश यादव इनकाउंटर की कहानी 5 सितंबर की सुबह 3:15 बजे शुरू होती है. जब एसटीएफ की टीम को मुखबिर से खबर मिली कि वारदात में शामिल मंगेश यादव अपने साथी के साथ बाइक से सुल्तानपुर के हनुमानगंज की तरफ जाने वाले रास्ते पर आएगा. एसटीएफ की टीमों ने घेराबंदी शुरू की गई. तीन टीमें बनाई गई.
तीन टीमें कर रहीं थीं पीछा
मंगेश यादव को पकड़ने की एक टीम डिप्टी एसपी डीके शाही लीड कर रहे थे, दूसरी टीम इंस्पेक्टर महावीर सिंह और तीसरी टीम इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह लीड कर रहे थे. सुबह करीब 3:15 बजे एसटीएफ की टीम को सुल्तानपुर जौनपुर हाईवे पर बाइक से मंगेश यादव आता दिखाई पड़ा. सुबह करीब 3:15 बजे बदमाशों और पुलिस के बीच फायरिंग की आवाज पास के ही मिश्रपुर पुरैना के गांव वालों ने भी सुनी. गांव वालों ने सोचा किसी के यहां जश्न है खुशी का मौका है इसलिए आतिशबाजी हो रही है.
मंगेश ने की फायरिंग
पुलिस की टीम ने पीछा किया. बाइक सवार मंगेश जौनपुर हाईवे की तरफ बढ़ा. करीब 700 मीटर हाईवे पर बढ़ने के बाद एक कच्चे रास्ते पर उसने बाइक मोड दी. जहां उसकी बाइक गिरी. STF की टीमों ने घेर कर फायरिंग शुरू कर दी. बाइक पर पीछे बैठा बदमाश अंधेरे का लाभ लेकर फरार हो गया. वहीं मंगेश, पुलिस की तरफ से चलाई गई 6 गोलियां में एक गोली लगने से घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
वहीं वारदात के तीन दिन बाद मौके पर खून से सनी मिट्टी अभी भी सुर्ख है. 5 सितंबर की सुबह घटनास्थल को सुरक्षित रखने के लिए फोरेंसिक मुआयने के लिए जिस पीले टेप से घटनास्थल को सुरक्षित किया गया है.
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