Varanasi News : वाराणसी में एक ही परिवार से पांच लोगों की मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती चली जा रही है. इस सामूहिक हत्याकांड को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं. सोशल मीडिया से लेकर शहर की चाय की अड़ी तक इस हत्याकांड की चर्चा हो रही है. वहीं इस हत्याकांड पर अब कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं जिसने पुलिस के पहले की थ्योरी ही बदल दी है. पुलिस में पहले मान रही थी कि व्यावसायिक गुप्ता परिवार के चार सदस्यों में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी की हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि परिवार का मुखिया राजेंद्र गुप्ता ही हैं. लेकिन घटना के कुछ घंटे बाद राजेंद्र का शव भी एक निर्माणधीन मकान में मिला.
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ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं. पहला सवाल कि परिवार की हत्या करने के बाद राजेंद्र गुप्ता ने खुद को दो से तीन गोली कैसे मार ली. दूसरा सवाल कि परिवार के सभी सदस्यों को एक ही तरह कैसे गोली मारी गई. वहीं तीसरा सवाल कि परिवार की हत्या के बाद राजेंद्र गुप्ता कैसे आराम से घटनास्थल से 15 किलोमीटर दूर पूरे इत्मीनान के साथ कमीज उतारकर और मच्छरदानी लगाकर सोने जाते हैं.
उलझती जा रही पांच लोग के मर्डर की मिस्ट्री
बीते मंगलवार की सुबह वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके मैं स्थित जलकल के पंपिंग स्टेशन के ठीक सामने राजेंद्र गुप्ता के मकान से उस समय चीख पुकार की आवाज आने लगी. जब वहां नौकरानी काम करने के लिए पहुंची. मकान के अलग-अलग कमरों में और बाथरूम में घर की मालकिन सहित उनके तीनों बच्चों के शव खून से सने पाए गए. जिसमें राजेंद्र गुप्ता की लगभग 45 वर्षीय पत्नी नीतू गुप्ता का शव उनके कमरे में बेड के नीचे पड़ा मिला था, तो वही 25 वर्षीय पुत्र नमनेंद्र का शव दूसरी मंजिल के बाथरूम में था. 17 साल की राजेंद्र गुप्ता की बेटी गौरंगी और सबसे छोटे बेटे 15 साल के शिवेंद्र का शव उनके कमरे में पड़ा मिला. पुलिस के मुताबिक सभी को गोली मारी गई थी. घटना के कई घंटे बीतने के बाद भी जब परिवार के मुखिया राजेंद्र गुप्ता का पता नहीं चला तो पुलिस यह मान बैठी कि गुस्सैल और आपराधिक प्रवृति के राजेंद्र गुप्ता ने ही पारिवारिक कलह से अज़ीज़ आकर पहले अपने परिवार के सभी चार सदस्यों का खात्मा किया और फिर फरार हो गया.
राजेंद्र गुप्ता की रही है क्रिमनल हिस्ट्री
बता दें कि राजेंद्र गुप्ता ने ही वर्ष 1997 में प्रॉपर्टी के लालच में अपने भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की गोली मारकर सोते वक्त रात में हत्या कर दी थी और इस हत्या के खिलाफ राजेंद्र के पिता लक्ष्मी नारायण ने भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. राजेन्द्र ने अपने पिता को भी जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं भाई की तेरहवीं के पहले ही पिता लक्ष्मी नारायण को गोली मार दी गई. इस हमले में लक्ष्मी नारायण की सुरक्षा में लगे एक सुरक्षाकर्मी और एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हो गई. पुलिस ने राजेंद्र और उसके साथी अनिल को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन ठीक से केस की पैरवी ना हो पाने की वजह से वह एक साल राजेन्द्र जेल में रहा और बाहर आने के बाद पूरी संपत्ति पर अकेले कब्जा कर लिया था.
इन सवालों ने पुलिस को उलाझाया
वहीं मंगलवार की घटना के बाद पुलिस राजेंद्र गुप्ता का लोकेशन ट्रेस करते हुए शहर के रोहनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामपुर लठिया राजेंद्र गुप्ता के निर्माणाधीन मकान पहुंची, लेकिन राजेंद्र का शव लहूलुहान हालत में उसके बिस्तर पर पड़ा मिला. पुलिस अपनी इस थ्योरी पर चलना चाह भी रही थी कि परिवार के चारों सदस्यों की हत्या करने के बाद राजेंद्र ने 15 किलोमीटर दूर आकर खुदकुशी कर लिया. लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए जैसा कि राजेंद्र का शव बिस्तर पर पड़ा था और बिस्तर पूरी तरह से मच्छरदानी से कवर था तो वही खूंटी पर राजेंद्र की कमीज की टँगी थी और तो और राजेंद्र के सीने और सिर के दाहिने कनपटी पर बुलेट इंजरी दिखाई पड़ रही थी. राजेंद्र गुप्ता को 2 से 3 गोलियां मारी गई थी और मौके से किसी तरह के हथियार की बारामदगी भी नहीं हुई.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अपने परिवार के चारों सदस्यों को मौत की नींद सुलाने के बाद कैसे कोई 15 किलोमीटर दूर जाकर पूरे इत्मीनान के साथ कमीज उतारकर और मच्छरदानी लगाकर सोने जाता है और खुद को दो से तीन गोली मार लेता है. ऐसे में पुलिस अपनी पुरानी थ्योरी से हटकर पांच लोगों के मर्डर मिस्ट्री की जांच शुरू कर दी है.
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