उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की 14 सीट के लिए आज यानी सोमवार को वोटिंग जारी है. इस चरण में होने वाले मतदान में यूपी की कई ‘हाई प्रोफाइल' सीटें जिनमें रायबरेली, अमेठी, लखनऊ, कैसरगंज और कौशांबी शामिल हैं. अमेठी से जहां एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी मैदान में हैं तो रायबरेली से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं. वहीं राजा भैया की प्रभाव वाली कौशांबी लोकसभा सीट से भाजपा ने इस बार विनोद सोनकर को मैदान में उतारा है. जबकि समाजवादी पार्टी ने पुष्पेंद्र सरोज को मैदान में उतारा है. इसी दौरान प्रतापगढ़ में हो रहे मतदान के बीच गड़बड़ी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है.
ADVERTISEMENT
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि प्रतापगढ़ में हो रहे लोकसभा चुनाव में एक प्राथमिक विद्यालय में पूरे उत्तर मैदानी केन्द्र के पीठासीन अधिकारी समेत ड्यूटी पर लगाए गए सभी निर्वाचन कर्मियों को प्रतापगढ़ के जिला अधिकारी ने ड्यूटी से हटा दिया है. भाजपा के प्रत्याशी विनोद सोनकर ने चुनाव में हो रही गड़बड़ी की शिकायत की थी. दरअसल, वहां हो रहे मतदान के दौरान बिना नाम और फोटो के पीठासीन अधिकारी के ड्यूटी करने के मामला सामने आया था. जिसको लेकर प्रतापगढ़ के जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव रंजन ने यह एक्शन लेते हुए पीठासीन अधिकारी समेत ड्यूटी पर लगे अन्य कर्मियों को भी हटा दिया है. साथ ही इस बात को लेकर करीब 1 घंटे तक मतदान केंद्र पर नोकझोंक और गहमा-गहमी चली.
इस बार अलग दिख रहे राजा भैया
जनसत्ता दल के प्रमुख राजा भैया इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान से कुछ अलग ही दिख रहे हैं. इस लोकसभा चुनाव से खुद को अलग रखते हुए कुंडा विधायक राजा भैया ने किसी भी दल को समर्थन न करने का निर्णय लिया है. हालांकि पिछले दिनों उनकी मुलाकात भाजपा के शीर्ष नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी. उनकी इस मुलाकात ने यूपी के चुनावी मैदान में चर्चा का बाजार गरमा दिया. फिर खबर आई कि राजा भैया ने अंदरखाने सपा उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया है.
वोटिंग के पहले बदले समीकरण
बता दें कि राजा भैया के प्रभाव वाली कौशांबी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के मतदान जारी है. वहीं प्रतापगढ़ सीट पर छठे चरण में वोटिंग होनी है. ऐसा माना जाता है कि प्रतापगढ़ और कौशांबी की राजनीति राजा भैया के इर्द-गिर्द ही घूमती है. दोनों ही सीटों पर इस बार राजा भैया का कोई अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं है, फिर भी इन दोनों सीटों पर वो किसी को जीताने और हराने की काबिलियत रखते हैं. बता दें बीजेपी और सपा दोनों ने ही राजा भैया के समर्थन की उम्मीद लगा रखी थी. हालांकि कुछ दिनों पहले वो किसी के पक्ष में कोई निर्णय लेने के बजाय न्यूट्रल रहने का फैसला किया था.
(इस खबर को यूपी Tak के साथ इंटर्नशिप कर रहे अमित पांडेय ने एडिट किया है.)
ADVERTISEMENT