उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 29 अगस्त को रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन और संस्कृति विभाग की कई योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी किया. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे.
ADVERTISEMENT
अयोध्या में राष्ट्रपित कोविंद ने कहा, ”अपने वनवास के दौरान प्रभु राम ने युद्ध करने के लिए अयोध्या और मिथिला से सेना नहीं मंगवाई. उन्होंने कोल-भील-वानर आदि को एकत्रित कर अपनी सेना का निर्माण किया. अपने अभियान में जटायु से लेकर गिलहरी तक को शामिल किया. आदिवासियों के साथ प्रेम और मैत्री को प्रगाढ़ बनाया.”
इसके आगे उन्होंने कहा कि प्रभु राम द्वारा ऐसे समावेशी समाज की रचना, सामाजिक समरसता और एकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो हम सबके लिए आज भी अनुकरणीय है.
रामायण को लेकर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के सामने मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को पेश करता है. मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास भारतीय संस्कृति और पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा.”
उन्होंने कहा, ”संतान का माता-पिता के साथ, भाई का भाई के साथ, पति का पत्नी के साथ, गुरु का शिष्य के साथ, मित्र का मित्र के साथ, शासक का जनता के साथ और मानव का प्रकृति और पशु-पक्षियों के साथ कैसा आचरण होना चाहिए, इन सभी आयामों पर, रामायण में उपलब्ध आचार संहिता, हमें सही मार्ग पर ले जाती है.”
अयोध्या को लेकर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं. अयोध्या तो वही है, जहां राम हैं. इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं. इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है.” उन्होंने कहा कि अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो.’
बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद 29 अगस्त को ट्रेन से लखनऊ से अयोध्या पहुंचे. वह 26 अगस्त को उत्तर प्रदेश आए थे. इसके बाद उन्होंने लखनऊ और गोरखपुर का भी दौरा किया.
जो अयोध्या में झांकते नहीं थे, आज चिल्ला रहे हैं कि राम हमारे हैं: योगी आदित्यनाथ
ADVERTISEMENT