Noida News: नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने शुक्रवार को दो दर्जन रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ बैठक की, जिसमें लंबित 26 हजार करोड़ रुपये की वसूली पर चर्चा की गई. प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि 60 समूह आवास परियोजनाओं में मकान खरीदारों को बकाया राशि और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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नोएडा प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, सीईओ ने अपने विभाग को निर्देश दिया कि जिन बिल्डरों ने उन्हें आवंटित भूखंडों के खिलाफ अपना बकाया नहीं चुकाया है, उनके खिलाफ वसूली प्रमाणपत्र जारी करने सहित कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए.
बयान के अनुसार सीईओ ने कहा, “बकाया राशि के संबंध में जानकारी समाचार पत्रों और परियोजना स्थल पर प्रकाशित की जानी चाहिए. परियोजना स्थल के गेट पर प्राधिकरण के प्रति उनके दायित्व का उल्लेख करते हुए बोर्ड भी लगाए जाने चाहिए.” कहा कि प्राधिकरण में सार्वजनिक सुनवाई में ‘प्रत्येक कार्य दिवस’, एओए (निवासी संघ) और फ्लैट खरीदार निर्मित भवन की खराब गुणवत्ता के बारे में शिकायत करते हैं.
लोकेश एम ने कहा, “इन समस्याओं को बिल्डर को अपने स्तर पर तुरंत गुणवत्तापूर्ण तरीके से हल करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं में जहां कानूनी रूप से एओए का गठन किया गया है, उसे यूपी अपार्टमेंट अधिनियम, 2016 में दिए गए प्रावधानों के तहत परियोजना के रखरखाव के लिए सौंप दिया जाना चाहिए.
बैठक के दौरान प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि दो महीने पहले डिफॉल्टर बिल्डरों और आवंटियों को एस्क्रो खाते खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन आज तक, केवल छह बिल्डरों ने ऐसा किया हैबयान के अनुसार, शेष बिल्डरों को 26 अगस्त (शनिवार) तक प्रत्येक मामले में एस्क्रो खाता खोलने के बारे में प्राधिकरण को सूचित करने का निर्देश दिया गया .
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