UP News: 4 दशकों से भी अधिक समय बाद खुले संभल के शिव-बजरंगबली मंदिर में आज सुबह से ही पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया है. भक्तों की भीड़ मंदिर के दर्शन करने के लिए लगातार आ रही है. इसी बीच मंदिर के पीछे बने मकान के अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए भी मकान के अंदर मजदूरों की टीम दाखिल हुई है.
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बताया जा रहा है कि इस मकान के कुछ हिस्सों को मजदूरों द्वारा ध्वस्त किया जाएगा. आरोप है कि मकान मालिक ने मंदिर पर अतिक्रमण करने की कोशिश की. ऐसे में अब मकान के ऊपर स्थित अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू हो गया है. इसी बीच अब मकान मालिक मतीन का भी बयान सामने आया है.
मकान मालिक मतीन ने ये बताया
इस पूरे मामले पर मकान मालिक मतीन ने कहा, मकान के उस हिस्से को हम खुद ही हटवा रहे हैं. इसको लेकर हम पर किसी का दबाव नहीं है. हम अपनी खुशी से इसे हटवा रहे हैं. हम देख रहे हैं कि मंदिर को भी कोई नुकसान नहीं हो. इसलिए सावधानी से मकान के उस हिस्से को हटवा रहे हैं.
46 साल बाद मंदिर खुलने की बात गलत- मतीन
इस दौरान मतीन ने उन दावों को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि 46 साल से ये मंदिर बंद था. मतीन ने बताया, हम साल 2002 में यहां रहने आए थे. उस समय मंदिर में पूजा होती थी. कुछ हिंदू परिवार उस समय यहां थे. साल 2006 में जब यहां बचे हुए हिंदू परिवार भी चले गए, तभी से यहां पूजा बंद हुई है.
मतीन ने बताया, यहां मंदिर की जिम्मेदारी जो लोग संभालते थे, वह लोग महीने-2 महीने में मंदिर में आते रहते थे और साफ-सफाई भी करते रहते थे. मंदिर की चाभी उन लोगों के पास ही रहती थी.
‘मंदिर पर पुताई भी करवाई’
मतीन ने इस दौरान ये भी बताया कि जब वह अपने मकान में कभी-कभी पुताई या पेंट करवाते थे, तब वह मंदिर की बाहरी दीवार पर भी पेंट या पुटाई करवाते थे. मंदिर के अंदर हम लोग नहीं जा पाते थे, क्योंकि मंदिर की चाभी उस परिवार के पास रहती थी.
पुलिस अभियान के दौरान मिला था मंदिर
बता दें कि संभल हिंसा के बाद पुलिस अतिक्रमण और बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रही थी. इस दौरान ही उसे ये मंदिर मिला था. ये मंदिर 1978 के दंगों के बाद से ही बंद था. मंदिर के पास एक कुआं भी मिला था, जिसे दबा दिया गया था. बता दें कि कल कुएं में खुदाई हुई. इस दौरान वहां से 3 मूर्तियां मिली और मंदिर की ईट भी मिली. फिलहाल संभल का ये मंदिर चर्चाओं में बना हुआ है.
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