संभल के मुस्लिम इलाके में मिले मंदिर की कैसे होगी सुरक्षा, पुलिस ने तैयार किया ये ब्लू प्रिंट

अरविंद ओझा

15 Dec 2024 (अपडेटेड: 15 Dec 2024, 12:56 PM)

UP News: संभल के दीपा सराय इलाके में पुलिस को मिला प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर फिलहाल चर्चाओं में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि ये प्राचीन शिव मंदिर 500 से 1000 हजार साल पुराना हो सकता है. अब पुलिस मंदिर की सुरक्षा के लिए सतर्क हो गई है.

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UP News: संभल के दीपा सराय इलाके में पुलिस को मिला प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर फिलहाल चर्चाओं में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि ये प्राचीन शिव मंदिर 500 से 1000 हजार साल पुराना हो सकता है. खुद संभल जिलाधिकारी ने इसके इतने प्राचीन होने की बात कही है. ये मंदिर पिछले 46 सालों से बंद था. लगातार इसपर अतिक्रमण हो रहा था और कब्जा किया जा रहा था. मगर पुलिस ने मंदिर को अतिक्रमण के दौरान खोज निकाला है. मंदिर के अंदर हनुमान जी की प्राचीन मूर्ति और भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है.

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अब इस मंदिर की सुरक्षा को लेकर संभल पुलिस सतर्क हो गई है. दरअसल ये मंदिर मुस्लिम इलाके में स्थित है. गलियों के अंदर जाकर ये मंदिर है. यहां आस-पास हिंदू परिवार नहीं हैं. बताया जा रहा है कि 1978 में हुए दंगों के बाद यहां से हिंदू परिवारों ने पलायन करना शुरू कर दिया. आखिरी परिवार साल 2012 में यहां से चला गया. ऐसे में पुलिस अब मंदिर की सुरक्षा खाका तैयार करने में जुट गई है.

तैयार हुआ मंदिर का सुरक्षा खाका

बता दें कि अब मंदिर को देखने और दर्शन करने श्रद्धालु भी आने लगे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पीएसी के जवान तैनात रहेंगे. मंदिर के अंदर, बाहर और आस-पास के इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जाएंगे. मंदिर की 24 घंटे निगरानी की जाएगी. इसी के साथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस मंदिर के आस-पास भी तैनात रहेगी.

सपा सांसद के घर से 200 मीटर की दूरी पर मिला मंदिर

बता दें कि ये मंदिर सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित है. 47 से अधिक सालों से ये मंदिर बंद पड़ा हुआ है. यहां पुलिस को एक कुआं का भी इनपुट मिला. जब इसकी खुदाई की गई को कुआं भी सामने आया. ये भी मंदिर के सामने स्थित है. बताया जा रहा है कि पहले के समय ये कुआं भी मंदिर परिसर में स्थित था. मिली जानकारी के मुताबिक, ये मंदिर 1978 से पहले हिंदू इलाका हुआ करता था. मगर दंगों के बाद हिंदू परिवारों ने ये इलाका छोड़ना शुरू कर दिया. फिलहाल ये मंदिर चर्चाओं में बना हुआ है. यहां पूजा-पाठ शुरू हो गई है.

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