कोरोना काल के बाद आंखों पर हो रही ‘डिजिटल स्ट्राइक’! जानें हमीरपुर में यह क्या हो रहा?

नाहिद अंसारी

• 06:00 AM • 18 Oct 2022

Hamirpur News: यूपी के हमीरपुर जिले में ज्यादा मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटाप का प्रयोग करने वाले लोग आंखों की खराबी का शिकार हो रहे हैं.…

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Hamirpur News: यूपी के हमीरपुर जिले में ज्यादा मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटाप का प्रयोग करने वाले लोग आंखों की खराबी का शिकार हो रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि इस जिले में हर तीसरा व्यक्ति आंखों में ‌थकान, चुभन और आंसू सूखने की समस्या से परेशान हो रहा है. हमीरपुर के जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने यह बड़ा खुलासा किया है. डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना काल के बाद डिजिटल उपकरणों पर लोगों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. ऐसे में आंखों पर ‘डिजिटल स्ट्राइक’ हो रही है. नेत्र विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में हर तीसरा व्यक्ति आंखों में थकान, चुभन के साथ-साथ दर्द से परेशान है.

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ऑनलाइन पढ़ने और मोबाइल गेम खेलने के बाद कई बच्चों में आंसू सूखने की समस्या देखी गई है. लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या फिर कंप्यूटर देखने पर आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता के मुताबिक लगातार गैजेट्स देखने से नजरें कमजोर होती हैं. डिजिटल आई स्ट्रेन की भी समस्या हो जाती है, जिससे आंखों की नजर में धुंधलापन, भारीपन, थकान, लालिमा और चुभन होने लगती है.

वहीं कई लोग कमरे की लाइट बंद करके मोबाइल या लैपटॉप पर काम करते हैं. इससे आंखों पर तनाव बढ़ता है. आपको बता दें कि डिजिटल गैजेट्स से नीली रंग की रोशनी निकलती है, जो आंखों के लिए काफी नुकसानदेह होती है. हार्मोन सिस्टम भी गड़बड़ा जाता है. ऐसे में अनिद्रा, चि‌ड़‌चिड़ापन होने लगता है.

जिला अस्पताल के नेत्र परीक्षण अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में 30 फीसदी मरीज ड्राई आंख की समस्या लेकर आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर किशोर और युवा होते हैं. उन्होंने बताया कि आंखों में आंसुओं की परत होती है, जो आंखों में नमी बनाए रखती है और उनके सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है.

हमीरपुर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आंखों की बीमारियों से बचने के लिए निम्न उपाय बताए हैं.

इन बातों का रखें ध्यान-

– हर 20 मिनट में 20 सेकेंड के लिए 20 फीट दूर देखें.

– एक मिनट में पांच से दस बार पलक झपकाएं.

– मोबाइल में ब्लू लाइट फिल्टर लगाकर काम करें.

– आंखों और स्क्रीन के बीच कम से कम एक फीट की दूरी जरूर रखें.

– पर्याप्त रोशनी में ही डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करें.

– सोने से एक घंटे पहले डिजिटल उपकरणों का प्रयोग न करें.

– स्मार्ट फोन को भी बिस्तर से दूर रखें.

– साल में एक बार आंखों की जांच कराएं.

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