यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही हर गरीब को न्याय दिलाने का भरोसा दिया हो. मगर अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही समय-समय पर देखने को मिल जाती है. ताजा मामला सामने आया है अमेठी जिले से. बता दें कि यहां के एक 76 वर्षीय बुजुर्ग की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें वह समाधान दिवस पर अधिकारियों के सामने जमीन पर बैठ कर अपनी फरियाद सुना रहा है. जबकि अधिकारी ऊपर कुर्सी पर बैठे हुए हैं. इस तस्वीर के सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने मामले में खुद सफाई दी है.
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विस्तार से जानिए पूरा मामला
दरअसल अमेठी जिले की विधानसभा तिलोई में बीते शनिवार को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में एक अनचाही तस्वीर देखने को मिली, जो लोकतंत्र के लिए किसी मजाक से कम नहीं थी. इस समाधान दिवस की अध्यक्षता करने के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अजीत सिंह आए हुए थे. इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक समेत सभी अधिकारियों की मौजूदगी में एक वृद्ध फरियादी काफी समय तक अपनी व्यथा सुनाने के लिए जमीन पर ही बैठा रहा. सनद रहे, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरियादियों को कुर्सी पर बैठा कर और खुद खड़े होकर बारी-बारी जनसुनवाई करते हैं. मगर अमेठी में सीएम के अफसरों ने इसका उल्टा ही किया.
मिली जानकारी के अनुसार, चेतरा बुजुर्ग गांव के 76 वर्षीय बुजुर्ग महादेव अपनी पुश्तैनी जमीन पर कब्जे को लेकर फरियाद करने आए थे. दोपहर करीब 1:45 का वक्त था. बुजुर्ग फरियादी महादेव ने अपर जिलाधिकारी को अपनी शिकायत का पुलिंदा थमाया. इसी बीच अपर जिलाधिकारी अचानक उठ खड़े हुए और आवंटन पत्रावली की जांच के सिलसिले में तहसीलदार के कार्यालय चले गए. और इस बुजुर्ग की शिकायत अपर पुलिस अधीक्षक के सामने धरी रह गई.
अपर जिलाधिकारी के उठ जाने पर बुजुर्ग महादेव अपनी बारी के इंतजार में खड़े रहे. मगर थकान के कारण बाद में वह जमीन पर बैठ गए. काफी देर बाद अपर पुलिस अधीक्षक की बुजुर्ग पर नजर पड़ी तब तक ये बदरंग तस्वीर इलाके के स्थानीय पत्रकार के कैमरे में कैद हो चुकी थी.
हालांकि अपर पुलिस अधीक्षक ने बुजुर्ग की फरियाद सुनी और उन्हें संतुष्ट कर रवाना किया, लेकिन लोकतंत्र को मुंह चिढ़ाती ये तस्वीर देखते-देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. लगातार इस तस्वीर के ट्रोल किए जाने के बाद खुद जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने मोर्चा संभाला.
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के जवाब में जिलाधिकारी ने लिखा,
“तहसील तिलोई में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान शिकायत लेकर आए बुजुर्ग को पत्रकार जय प्रकाश पांडे द्वारा सभागार में जमीन पर बैठा कर फोटो लेकर वायरल किया गया, जैसा कि फोटो देखने से स्पष्ट है कि बुजुर्ग कैमरे की तरफ देख रहें हैं. बुजुर्ग को वहां से उठाकर तत्काल कुर्सी पर बैठाया गया.”
राकेश कुमार मिश्रा
अमेठी जिलाधिकारी के इस ट्वीट के बाद हमारी टीम ने ये जानने की कोशिश की क्या वाकई में इस तस्वीर का सच यही है?
यूपी तक ने तिलोई विधानसभा के चेतरा बुजुर्ग गांव में जाकर पीड़ित महादेव से इस पूरे प्रकरण पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जे के मामले में वह शिकायत लेकर समाधान दिवस में गए थे और खड़े खड़े थक गए. उनके पैर दर्द करने लगे इसलिए वह जमीन पर बैठ गए थे. उन्होंने ये भी बताया कि लोगों ने उन्हें कुर्सी पर बैठने के लिए कहा, लेकिन कुर्सी दूर थी इसलिए वह नहीं बैठे.
इस तस्वीर की और हकीकत जानने के लिए यूपी तक ने ये फोटो खींचने वाले स्थानीय पत्रकार जय प्रकाश पांडेय से टेलीफोन पर वार्ता की तो उन्होंने बताया, “समाधान दिवस में शनिवार को सभागार में बुजुर्ग जमीन पर बैठे थे, तो मेरी निगाह पड़ी कि यह खबर बनती है. तो मैंने अपना काम किया डीएम जो कह रहे हैं, वो उनकी सोच है. वहां कुर्सी की कोई व्यवस्था नहीं थी.”
फिलहाल अमेठी में समाधान व्यवस्था से उठे विवाद के बाद जिले के आलाधिकारी चुप्पी साधे हैं और देर शाम पीड़ित बुजुर्ग के घर इलाके के तहसीलदार खुद पहुंचे थे ताकि ये मामला शांत हो जाए. मगर लेकिन लोकतंत्र की कलई खोलती ये तस्वीर दुनिया की नजरो में आने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म कर गई है.
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