UP News: संभल की जामा मस्जिद इस समय चर्चाओं में बनी हुई है. दरअसल हिंदू पक्ष ने इसके हरिहर मंदिर होने का दावा किया है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. हिंदू पक्ष ने इसको लेकर संभल जिला कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था. पिछले दिनों ही भारी सुरक्षा के बीच मस्जिद का सर्वे किया गया था.
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बता दें कि अब खबर आ रही है कि एक बार फिर सर्वे टीम संभल की जामा मस्जिद का सर्वे कर सकती है. एडवोकेट कमिश्नर की टीम सर्वे के लिए फिर संभल पहुंच सकती है और जामा मस्जिद में सर्वे कर सकती है. आपको बता दें कि 19 नवंबर के दिन संभल जिले की चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की कोर्ट ने जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था और 1 हफ्ते में रिपोर्ट भी जमा करने को कहा था. ऐसे में आज फिर सर्वे टीम जामा मस्जिद जाकर सर्वे कर सकती है.
हिंदू पक्ष का क्या है दावा?
इस मामले में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंंने दावा किया था कि हरिहर मंदिर को बाबर ने साल 1529 में तोड़कर यहां मस्जिद बनवाई थी. उन्होंने कहा था, संभल का हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है. हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि का अवतार यहां से होना है. बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता.
उन्होंने आगे कहा,
वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं. इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने सर्वे का आदेश जारी किया है.
बता दें कि इस विवाद के बाद संभल पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है. मस्जिद परिसर के पास भारी सुरक्षा फोर्स तैनात है. संभल पुलिस और प्रशासन अराजक तत्वों और सोशल मीडिया पर नजर रख रही है.
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