37 साल पुराने सिकरौरा कांड में बृजेश सिंह को HC ने किया दोष मुक्त, जानें क्या है यह मामला?

पंकज श्रीवास्तव

20 Nov 2023 (अपडेटेड: 20 Nov 2023, 11:23 AM)

पूर्वांचल के माफिया और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया बृजेश सिंह को 37 साल पहले हुए सिकरौरा कांड में दोष मुक्त कर दिया है.

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Mafia Brjesh Singh News: पूर्वांचल के माफिया और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया बृजेश सिंह को 37 साल पहले हुए सिकरौरा कांड में दोष मुक्त कर दिया है. हाईकोर्ट ने माफिया बृजेश सिंह और आठ अन्य आरोपियों को जिला कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को सही ठहराया है. मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 9 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस अजय भनोट की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया है.

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गौरतलब है कि वाराणसी की कोर्ट के फैसले के खिलाफ हीरावती नाम की एक महिला ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हीरावती के पति, दो देवर और चार मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. अपील में पीड़िता ने वाराणसी की जिला कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. दरअसल, जिला कोर्ट ने अपने 2018 में दिए गए फैसले में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था. कोर्ट ने गवाहों के बयान में भिन्नता होने के कारण सभी को बरी कर दिया था. अपील में जघन्य हत्या के मामले में बरी हो चुके माफिया बृजेश सिंह को सजा दिए जाने की मांग की गई.

बता दें कि बृजेश सिंह के खिलाफ वाराणसी जिले के बलुआ पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया गया था. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में आरोपी बृजेश सिंह ने खुद को बेगुनाह बताया. वाराणसी के सिकरौरा कांड में 7 लोगों की हत्या के सभी 13 अभियुक्तों को बरी करने के जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की कई तारीखों में सुनवाई हुई. पीड़ित पक्ष की दलील थी कि ट्रायल कोर्ट ने घटना में घायल व पीड़ित के बयान को नजरअंदाज किया. अगर घायल के बयान पर विचार किया गया होता तो अदालत आरोपियों को बरी नहीं करती.

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