Mahakumbh Prayagraj 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है. यहा पर्व 13 जनवरी से 24 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया जाएगा. मालूम हो कि यह आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और विश्व में सबसे बड़े मानव समागमों में से एक है, जो दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. गौरतलब है कि साल 2013 में प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था. फिर 2019 में प्रयागराज में अर्ध कुंभ आयोजित हुआ और अब 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है.
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क्या है इसका ऐतिहासिक महत्त्व?
- महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ और पर्व है, इसे चार नदी-तट तीर्थ स्थलों पर मनाया जाता है: प्रयागराज (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर), हरिद्वार (गंगा), नासिक (गोदावरी), और उज्जैन (शिप्रा).
- प्रयागराज का विशेष महत्व त्रिवेणी संगम के कारण है, जहाँ तीन पवित्र नदियाँ मिलती हैं.
क्या है आध्यात्मिक महत्व?
इस पर्व में पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का रिवाज है, जिसे पापों का नाश करने और मोक्ष (जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति) प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
ये हैं शाही स्नान की तारीखें:
- मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
- मौनी अमावस्या: 29 जनवरी 2025
- बसंत पंचमी: 3 फरवरी 2025
- माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025
- महाशिवरात्रि: 26 फरवरी 2025
आपको बता दें कि ये तारीखें संभावित हैं और स्थानीय पंचांग के अनुसार थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है. महाकुंभ के दौरान, शाही स्नान बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और लाखों श्रद्धालु इन तिथियों पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं.
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