प्रयागराज (Prayagraj News) में कचहरी के भीतर वकील को गोली मारने के मामले में आरोपी दारोगा शैलेन्द्र सिंह को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है. मामला 2015 का है. जिला न्यायालय में दिनदहाड़े हुई इस वारदात के बाद कचहरी से लेकर हाईकोर्ट के बाहर तक वकीलों ने जमकर बवाल किया था.
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वहीं सजा सुनाए जाने के बाद दरोगा शैलेन्द्र का कहना है कि न्यायालय के फैसले का सम्मान है लेकिन अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
बता दें कि मामला मामला सात साल पहले यानी 2015 का है. उस दौरान प्रयागराज की कचहरी में दरोगा शैलेन्द्र सिंह एक गवाही के मामले में आये थे. दरोगा शैलेन्द्र सिंह की उस समय शंकरगंज थाने की नारी बारी चौकी में तैनाती थी. उसी समय अधिवक्ता नबी अहमद ने शैलेन्द्र की थाना कीडगंज में तैनाती के दौरान उनके एक मामले में एफआर लगाए जाने को लेकर शिकायत की.
इसी बात को लेकर दरोगा शैलेन्द्र और अधिवक्ता नबी अहमद के बीच धक्का मुक्की हो गई. वहां लोगों ने बीच बचाव कर दोनो को अलग कर दिया था. थोड़ी देर बाद ही सीजेएम कोर्ट के सामने दरोगा शैलेन्द्र को अधिवक्ताओं के झुंड ने उन्हें घेर लिया था.
इसी बीच शैलेन्द्र ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से फायर कर दिया जिससे अधिवक्ता नबी अहमद की मौत हो गई. दरोगा शैलेन्द्र को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. उधर पुलिस महकमे ने भी शैलेन्द्र को बर्खास्त कर दिया था. मामला अधिवक्ताओं से जुड़ा होने के चलते इस केस का ट्रायल रायबरेली सत्र न्यायालय में ट्रांसफर हो गया था. यहां पूरे मामले की पूरी हुई सुनवाई के बाद ज़िला जज अब्दुल शाहिद ने दरोगा शैलेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास के साथ उस पर 20 हज़ार का जुर्माना लगाया है.
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