संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ अब मुसीबत बनती जा रही है. गंगा और यमुना, दोनों नदिया खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के कारण पानी रिहायशी इलाकों में बने घरों में घुस गया है. यह पानी अब लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. जहां घर मे रखी कार,साइकिलें, और तमाम सामान पानी मे डूब गए हैं, वहीं सैकड़ो मकानों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है.
ADVERTISEMENT
घरों में पानी भरने के कारण बच्चे नाव से स्कूल जाने को मजबूर हैं. चोरी के डर से लोग घर की छत पर रहने लगे हैं. घरों में फसे बाढ़ पीड़ित अब सरकारी मदद का इंतज़ार कर रहे है. ग्राउंड जीरो से कई गई इस रिपोर्ट में आप बाढ़ की विभीषिका देख सकते हैं.
ये तस्वीरें बघाड़ा इलाके की हैं. यहां बाढ़ ने कहर बरपा रखा है. हर तरफ यहां पानी ही पानी नजर आ रहा है. नाव ही एक मात्र सहारा है. बच्चे नाव के सहारे ही स्कूल जा रहे हैं और नाव से ही वापस आकर सीढ़ियों के सहारे घर मे दाखिल हो रहे हैं. इनके मकान में पानी भर गया है.
जिन गलियों में गाड़ियां फर्राटे भरती थी, आज वहां नाव चल रही है. कार, साइकिलें, ट्रांसफार्मर, सबकुछ पानी मे डूब गए है. प्रशानिक अमला लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जिनको सरकारी मदद का इंतज़ार है. अभी इनके पास वो मदद नही पहुंच पाई है.
गंगा और यमुना दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है. अब जबरदस्त तबाही मचाने वाली तस्वीरें सामने हैं. नदियों में उफान की वजह से अकेले शहरी इलाके के तीन दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है. एनडीआरएफ ने बाढ़ में फंसे 26 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
प्रयागराज के ये मोहल्ले बन गए तालाब
बाढ़ के कारण पानी से घिर गए मोहल्लों में दारागंज, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, करेलाबाग, गौस नगर, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, रसूलाबाद, राजापुर, गंगानगर, अशोकनगर, द्रौपदी घाट, नीवा और जेके कॉलोनी समेत तीन दर्जन से अधिक नाम शामिल हैं. ये मोहल्ले तालाब बने हुए हैं. कई जगहों पर तो मकानों की पूरी एक मंजिल तक डूब गई है. अब तक करीब 2700 से ज्यादा लोग 14 बाढ़ राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं. डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों से अपील की है कि समय रहते सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.
ADVERTISEMENT