इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज 11.30 बजे अनुदेशकों के मानदेय संबंधी मामले पर सुनवाई होगी. अनुदेशकों की तरफ से आज अदालत में पक्ष रखा जाएगा. उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों के 17 हजार मानदेय दिए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ और खंडपीठ दोनों में दाखिल याचिकाओं पर अदालत एक साथ सुनवाई कर रही है.
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मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बहस पहले ही हो चुकी है पूरी. राज्य सरकार का कहना है कि भारत सरकार की ओर से पूरा फंड नहीं दिया गया है. कोर्ट ने पूछा है कि केन्द्र ने बजट नहीं दिया तो सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई सरकार? प्रदेश के लगभग 27 हजार अनुदेशकों का मानदेय 2017 में केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया था जिसको यूपी सरकार ने लागू नहीं किया है.
मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में रिट दाखिल की थी. 3 जुलाई 2019 को जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने अनुदेशकों को 2017 से 17000 मानदेय 9% ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था.
इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दाखिल की है. याची विवेक सिंह और आशुतोष शुक्ला की ओर से ये याचिका दाखिल की गई थी. चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच में मंगलवार को सुनवाई होगी.
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