प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में फरार चल रहे 5 लाख रुपये के इनामी गुड्डू मुस्लिम उर्फ बमबाज के चिकन शॉप को फिर से सील कर दिया गया है. प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने ये सीलिंग की कार्रवाई की है. यही नहीं, पहले से सील की गई चिकन शॉप को किसके इशारे पर खोला गया है, इसकी जांच के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी गई है. पीडीए के सचिव ने जोनल अधिकारी से मामले की जांच रिपोर्ट तलब की है.
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गौरतलब है कि अतीक अहमद के चकिया के दफ्तर से महज कुछ ही दूरी पर करबला चौराहे पर ही गुड्डू मुस्लिम बमबाज की चिकन मटन की शॉप है, जिसे उमेश पाल हत्याकांड के बाद पीडीए ने सील कर दिया था. लेकिन कार्रवाई के सिलसिले के कुछ दिन बाद ही फिर से चिकन शॉप खुल गई थी.
यही नहीं, बकायदा दुकान पर चिपकाए गए कारण बताओ नोटिस को भी -हटा दिया गया था और इसी दुकान में दोबारा से मटन-चिकन कई दिनों से बिकने लगा था. जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो फिर से पीडीए ने चिकन शॉप को सील करने की कार्रवाई की है.
पीडीए के सचिव अजीत कुमार सिंह ने बताया कि गुड्डू मुस्लिम के बेटे के नाम से आबिद मटन चिकन की शॉप चकिया तिराहे पर है, जिसमें दीवारों पर टीन शेड लगाकर शॉप बनाई गई है. उमेश पाल शूटआउट के बाद पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम फरार चल रहा है. जिसके बाद से परिवार वाले शॉप बंद कर फरार हो गये थे.
उन्होंने बताया,
“पीडीए द्वारा 260 वर्ग फीट में बनी दुकान में व्यवसायिक उपयोग की अनुमति नहीं ली गई थी. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. जोनल अधिकारी और संयुक्त सचिव अजय कुमार की ओर से नोटिस जारी किया गया था.”
सचिव अजीत कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे विधिक कार्रवाई की जाएगी.
नोटिस पर जवाब दाखिल करने की समय सीमा 18 अप्रैल को खत्म हो चुकी है, लेकिन प्रयागराज विकास प्राधिकरण अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है.
वहीं, गुड्डू मुस्लिम के करीबियों ने दुकान खोलकर चिकन और मटन बेचना फिर से शुरू कर दिया था. दुकान पर बैठे युवक कोहिनूर मोहम्मद का कहना है कि उसका गुड्डू मुस्लिम से कोई लेना देना नहीं है. उसके पिता अब्दुल रहमान किराएदार के तौर पर दुकान चलाता था. कुछ गलत फहमी की वजह से दुकान बंद कर दी गई थी, लेकिन अब दुकान खोल दी गई है. कोहिनूर के मुताबिक, उसकी दुकान खोलने के बाद उसे कोई रोकने टोकने भी नहीं आया था.
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