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इटावा के बीहड़ी आसई गांव के निवासी आशुतोष दीक्षित ने कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया पर नौकरी के लिए संघर्ष शुरू हो गया.
फिर आशुतोष ने गांव पर ही माता-पिता के साथ रह पशुपालन का फैसला किया. पर उनमें लीक से हटकर कुछ अलग करने का जज्बा था.
उन्होंने राजस्थान के बीकानेर से लोन पर साहिवाल नस्ल की चार गायें खरीदीं. काम करने का जज्बा और अच्छी शिक्षा उनके काम आई.
चार गाय से कारोबार बढ़ाया और 3 साल के अंदर आज 70 गायों की गौशाला बना रखी है.
सैकड़ों लीटर शाहीवाल गाय का दूध बोतल में पैकिंग करके शहर के प्रतिष्ठित लोगों के यहां जाता है.
घी बनाते हैं और गाय के गोबर से लकड़ी व खाद का भी निर्माण होता.
आज आशुतोष अपनी इस अनोखी डेयरी से साल का 12-15 लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. अगली स्लाइड में आप इनकी पूरी कहानी विस्तार से पढ़ सकते हैं.
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